नीरव मोदी घोटाले के बाद डायमंड सेक्टर में सुस्त हुई मांग: एसोचैम

नीरव मोदी घोटाले के सामने आने के बाद से लोगों का डायमंड ज्वैलरी पर से विश्वास कम होता जा रहा है

By Surbhi JainEdited By: Publish:Fri, 16 Mar 2018 06:22 PM (IST) Updated:Sat, 17 Mar 2018 08:57 AM (IST)
नीरव मोदी घोटाले के बाद डायमंड सेक्टर में सुस्त हुई मांग: एसोचैम
नीरव मोदी घोटाले के बाद डायमंड सेक्टर में सुस्त हुई मांग: एसोचैम

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। लगभग 12,700 करोड़ के नीरव मोदी घोटाले के बाद अब डायमंड इंडस्ट्री पर से भी बाजार का भरोसा कम होता जा रहा है। इस घोटाले के सामने आने के बाद से ग्राहकों के बीच ज्वैलरी की शुद्धता को लेकर संशय का माहौल बढ़ता ही जा रहा है। इस वजह से डायमंड व्यापार पर खासा असर देखने को मिला है। यह जानकारी उद्योग संगठन एसोचैम की ओर से कराए गये सर्वे में सामने आई है।

वैसे तो लोकप्रिय ज्वैलरी निर्माता शुद्धता का सर्टिफिकेट देते हैं, लेकिन फिर भी बल्क में होने वाला ट्रेड असंगठित क्षेत्र में ज्यादा होता है। यह ग्राहक और ज्वैलर के बीच भरोसे के आधार पर होता है। सर्वे में यह भी सामने आया है कि ब्रैंडेड शोरूम शुद्धता का सर्टिफिकेट जारी करते हैं, लेकिन यह केवल बड़े शहरों तक ही सीमित है, जबकि छोटे शहरों के लोगों के पास भी अच्छी पर्चेजिंग पावर है।

यह सर्वे दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, अहमदाबाद, चेन्नई, कोलकता, हैदराबाद, बैंगलुरू, चंड़ीगढ़ और देहरादून के 350 ज्वैलर्स के बीच किया गया है। एसोचैम ने भी अहमदाबाद, बेंगलुरू, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर और मुंबई की 500 व्यवसायिक और गैर व्यवसायिक महिलाओं से बातचीत की है।

यह सर्वे बड़े शहरों में किया गया है जहां 65 फीसद ज्वैलर्स असंगठित है और वे डायमंड के कारोबार से वापस सोने और चांदी के कारोबार पर लौट रहे है क्योंकि ग्राहकों का डायमंड की शुद्धता पर से विश्वास कम होता जा रहा है। बीते दो महीनों में डायमंड ज्वैलरी की मांग में 10 से 15 फीसद तक की गिरावट दर्ज की गई है।

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