शापूरजी पलोनजी ग्रुप और टाटा समूह के बीच टूटेंगे सारे कारोबारी संबंध

टाटा संस के बोर्ड ने इसी महीने की शुरुआत में समूह की कंपनियों को शापूरजी पलोनजी ग्रुप से हर तरह के संबंध तोड़ने के लिए कहा

By Surbhi JainEdited By: Publish:Fri, 18 Aug 2017 12:38 PM (IST) Updated:Fri, 18 Aug 2017 12:38 PM (IST)
शापूरजी पलोनजी ग्रुप और टाटा समूह के बीच टूटेंगे सारे कारोबारी संबंध
शापूरजी पलोनजी ग्रुप और टाटा समूह के बीच टूटेंगे सारे कारोबारी संबंध

नई दिल्ली (जेएनएन)। टाटा समूह पिछले साल हटाए गए अपने चेयरमैन साइरस मिस्त्री के परिवार से सभी तरह के कारोबारी संबंध तोड़ लेगा। मिस्त्री का परिवार शापूरजी पलोनजी (एसपी) ग्रुप के तहत कंपनियों का संचालन करता है। मिस्त्री परिवार 18.4 फीसद की हिस्सेदारी के साथ समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में सबसे बड़ा अकेला शेयरधारक है। बीते साल 24 अक्टूबर को टाटा संस के बोर्ड ने अचानक मिस्त्री को बर्खास्त कर दिया था।

टाटा संस के बोर्ड ने इसी महीने की शुरुआत में समूह की कंपनियों को शापूरजी पलोनजी ग्रुप से हर तरह के संबंध तोड़ने के लिए कहा था। इस घटनाक्रम को टाटा समूह और मिस्त्री के बीच जारी लड़ाई का नतीजा माना जा रहा है। इस बारे में टाटा संस की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई है। एसपी ग्रुप के मुताबिक मिस्त्री के चैयरमैन रहने के दौरान टाटा संस की कंपनियों से उनके इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन के कांट्रेक्ट बिल्कुल खत्म कर दिए गए थे। अगर कोई ऑर्डर बचा हुआ है तो वह बहुत ही कम कीमत का होगा।

अदालत में चल रही लड़ाई
फिलहाल टाटा ग्रुप और मिस्त्री के बीच अदालत में झगड़ा चल रहा है। साइरस के काम से नाखुश होकर रतन टाटा ने उन्हें टाटा संस के चेयरमैन पद से बाहर करना दिया था। इसके बाद टाटा समूह और मिस्त्री के बीच आरोपों-प्रत्यारोपों के साथ कानूनी लड़ाई शुरू हो घई। यह झगड़ा निचली अदालतों से लेकर हाई कोर्ट और कंपनी लॉ टिब्यूनल यानी एनसीएलटी तक जारी है।

मिस्त्री ने ही रोके थे ऑर्डर
एसपी ग्रुप ने भी एक बयान जारी किया है। इसकेमुताबिक जब मिस्त्री टाटा संस के चेयरमैन थे, तभी उन्होंने नवंबर, 2013 में निर्देश जारी करके कहा था कि टाटा समूह की कंपनियां उनके ग्रुप से कोई नए कांट्रेक्ट या ऑर्डर नहीं दें। इसी कारण 2015-16 में टाटा समूह के ऑर्डर घटकर शून्य हो गए। खास बात यह है कि वर्ष 2012-13 में समूह की कंपनियों ने मिस्त्री परिवार के एसपी ग्रुप की फर्मो को 1,125 करोड़ रुपये के ऑर्डर दिए थे।

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