50 स्टार्टअप यूनीकॉर्न बनने को तैयार, 2022 में कुल संख्या बढ़कर होगी 100 से अधिक

2022 में एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप की कुल संख्या 100 से अधिक हो सकती है। भारत में 2021 के दौरान सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के मूल्यांकन में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली और इस दौरान यूनीकॉर्न की संख्या बढ़कर 68 हो गई

By NiteshEdited By: Publish:Mon, 17 Jan 2022 01:31 PM (IST) Updated:Mon, 17 Jan 2022 03:23 PM (IST)
50 स्टार्टअप यूनीकॉर्न बनने को तैयार, 2022 में कुल संख्या बढ़कर होगी 100 से अधिक
50 more in wings to be unicorns over 100 startups with over 1 billion dollor valuations by 2022 end Report

नई दिल्ली, पीटीआइ। सलाहकार फर्म पीडब्ल्यूसी इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में करीब 50 स्टार्टअप 2022 में यूनीकॉर्न बन सकते हैं, यानी उनका मूल्यांकन बढ़कर एक अरब डॉलर से अधिक हो सकता है। सोमवार को आई इस रिपोर्ट में कहा गया कि 2022 में एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप की कुल संख्या 100 से अधिक हो सकती है। भारत में 2021 के दौरान सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के मूल्यांकन में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली और इस दौरान यूनीकॉर्न की संख्या बढ़कर 68 हो गई। देश ने 2021 में 43 यूनीकॉर्न जोड़े।

पीडब्ल्यूसी इंडिया के मुताबिक सिर्फ अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में 10 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया गया। फर्म के पार्टनर अमित नवका ने कहा कि कैलेंडर वर्ष 2021 में वृद्धि स्तर के सौदे तेजी से बढ़े, जो यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल करने की क्षमता रखने वाली कंपनियों के मजबूत आधार को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप के प्रति बाजार की धारणा अनुकूल है, और 2022 के अंत तक यूनिकॉर्न की संख्या 100 से अधिक हो जाएगी।

हुरुन रिसर्च इंस्टीट्यूट की दिसंबर 2021 की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत वैश्विक स्तर पर यूनिकॉर्न के लिए तीसरा सबसे बड़ा देश है, लेकिन अमेरिका और चीन से बड़े अंतर से पीछे है। PwC की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में 1,000 से अधिक दौर की फंडिंग में भारतीय स्टार्टअप द्वारा 35 अरब अमेरिकी डॉलर जुटाए गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1.5 गुना अधिक था।

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ग्रोथ और लेट-स्टेज डील में में 2021 में स्टार्टअप्स द्वारा आकर्षित कुल फंडिंग का 85 प्रतिशत शामिल था।

बेंगलुरू और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में उद्यम पूंजी और निजी इक्विटी फंडों द्वारा कुल वित्त पोषण का लगभग तीन-चौथाई हिस्सा देखा गया।

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