आम्रपाली के 3 प्रमोटरों को पुलिस निगरानी में होटल में रखने के आदेश, फोन इस्तेमाल पर बैन: रिपोर्ट

आम्रपाली समूह के तीन प्रमोटरों को 15 दिनों तक पुलिस निगरानी के तहत नोएडा होटल में रखा जाए।

By NiteshEdited By: Publish:Thu, 11 Oct 2018 04:22 PM (IST) Updated:Fri, 12 Oct 2018 09:26 AM (IST)
आम्रपाली के 3 प्रमोटरों को पुलिस निगरानी में होटल में रखने के आदेश, फोन इस्तेमाल पर बैन: रिपोर्ट
आम्रपाली के 3 प्रमोटरों को पुलिस निगरानी में होटल में रखने के आदेश, फोन इस्तेमाल पर बैन: रिपोर्ट

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सुप्रीम कोर्ट की ओर से आम्रपाली की 9 प्रॉपर्टी को सील करने के आदेश के बाद कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि आम्रपाली समूह के तीन प्रमोटरों को 15 दिनों तक पुलिस निगरानी के तहत नोएडा के एक होटल में रखा जाए।

शीर्ष कोर्ट ने कहा कि तीनों प्रमोटरों को पुलिस के आदेश के बिना रूम में मोबाइल या फोन इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होगी।  

गौरतलब है कि फॉरेंसिक ऑडिट के लिए दस्तावेज मुहैया कराने के आदेश का पालन नहीं करने पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के प्रति कड़ा रुख अपनाते हुए कंपनी के तीन निदेशकों को पुलिस हिरासत में भेज दिया। 

कोर्ट ने आम्रपाली के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वह कोर्ट से लुका छिपी खेल रहा है और कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने तीनों निदेशकों अनिल शर्मा, शिव प्रिया और अजय कुमार को कोर्ट से ही सीधे पुलिस हिरासत मे भेजते हुए कहा कि जब तक वे दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराते तब तक हिरासत में रहेंगे।

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली की 9 प्रॉपर्टी को सील करने का आदेश दिया है। इनमें से 7 नोएडा और ग्रेटर नोएडा में स्थित हैं। बुधवार को एनबीसीसी (नैशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन) की ओर से 5 पांच प्रॉजेक्टों में काम शुरू करने के लिए निकाले गए टेंडर से फ्लैट खरीदार राहत महसूस कर रहे हैं।

देश छोड़कर जाने पर रोक
कोर्ट ने कंपनी के आठ निदेशकों शिव प्रिया, अजय कुमार, सुभाष चंद्र, अमरेश कुमार, सुनील कुमार, सुधीर कुमार चौधरी, अनिल कुमार शर्मा और विनय विशाल तथा तीन पूर्व निदेशक राकेश महाजन, इफ्तिखार अहमद और पल्लवी मिश्रा से कहा है कि कंपनी का कोई भी निदेशक या विधायी ऑडिटर्स देश छोड़ कर नहीं जाएगा। सभी अपने पासपोर्ट दिल्ली के तिलक मार्ग थाने के थानाध्यक्ष को सौंप देंगे। हालांकि कोर्ट ने साफ किया है कि ये आदेश कंपनी के नामित निदेशकों पर नहीं लागू होगा।

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