दयानंद वर्मा को शकील के साले रिजवान ने मारी थी गोली

बगहा। पूर्व जिला पार्षद व कांग्रेस नेता दयानंद वर्मा की हत्या शकील के साले रिजवान उर्फ कैफी ने

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 10:49 PM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 10:49 PM (IST)
दयानंद वर्मा को शकील के साले रिजवान ने मारी थी गोली
दयानंद वर्मा को शकील के साले रिजवान ने मारी थी गोली

बगहा। पूर्व जिला पार्षद व कांग्रेस नेता दयानंद वर्मा की हत्या शकील के साले रिजवान उर्फ कैफी ने गोली मारकर कर दी थी। घटना को अंजाम देने के बाद शकील अपने सहयोगियों के साथ वाल्मीकिनगर पहुंचा और अपनी बाइक से नहर के रास्ते लौकरिया पहुंचा और वहां से बगहा होते हुए चौतरवा और फिर धनहा के रास्ते यूपी में प्रवेश करने के बाद गोरखपुर पहुंचा। जहां पुरानी बस स्टैंड के पास बाइक खड़ी करने के बाद बस से सोनौली बॉर्डर पहुंचा। जहां से वह बर्दघाट नेपाल पहुंच गया। जब उसे जानकारी मिली कि पुलिस उसे खोज रही है तो वह बीते 18 फरवरी को बगहा कोर्ट में आत्मसमर्पण कर लिया। यहां बता दें कि पूर्व जिला पार्षद दयानंद वर्मा के हत्या मामले में नामजद बने शकील ने जब कोर्ट में समर्पण किया था तो नौरंगिया थाने की पुलिस उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। जिसके बाद पुलिस को जानकारी मिली कि दयानंद वर्मा को शकील ने कॉलर पड़कर मारपीट करने लगा। उसी क्रम में शकील के साले रिजवान उर्फ कैफी ने रिवाल्वर निकालकर गोली मार दी। शकील के अनुसार हत्याकांड में कुल आठ लोग शामिल थे। जबकि अन्य गाड़ियों में बैठे लोगों की पहचान ना तो शकील ने की और ना ही उसके साले कैफी ने किया। इंसेट: मटियरिया से अमहट जाने वाली सड़क के कालीकरण के लिए हुआ था विवाद: दयानंद वर्मा व शकील के बीच मटियरिया से अमहट जाने वाली सड़क की कालीकरण को लेकर विवाद हुआ था। पुलिस रिमांड पर लिए गए शकील ने जानकारी दी है कि उक्त सड़क के टेंडर को लेकर विवाद हुआ था। कारण कि उक्त टेंडर में बेतिया के शकलदेव मिश्र, अशोक गुप्ता व कैलाश कुमार आदि लोग शामिल थे। शकलदेव मिश्र वाला टेंडर शकील लेना चाह रहा था जबकि उसी टेंडर को दयानंद वर्मा भी लेना चाह रहे थे। उसी को लेकर दोनों में विवाद शुरू हुआ और बाद में उक्त विवाद काफी गहरा होता चला गया। बीते 14 फरवरी की शाम दोनों के बीच मोबाइल पर बकझक हुई और फिर देर शाम दयानंद वर्मा की हत्या गोली मारकर कर दी गई थी।

chat bot
आपका साथी