माता-पिता के आशीर्वाद से बढ़ता है यश, धन और बल

बगहा। माता-पिता, गुरुजन समेत अपने से बड़ों का आशीर्वाद सदैव फलीभूत होता है। भगवान श्री राम युग पुरुष थे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Nov 2018 11:52 PM (IST) Updated:Thu, 01 Nov 2018 11:52 PM (IST)
माता-पिता के आशीर्वाद से बढ़ता है यश, धन और बल
माता-पिता के आशीर्वाद से बढ़ता है यश, धन और बल

बगहा। माता-पिता, गुरुजन समेत अपने से बड़ों का आशीर्वाद सदैव फलीभूत होता है। भगवान श्री राम युग पुरुष थे। उन्होंने अपने पिता के वचन और माता के आदेश के निर्वहन के लिए 14 वर्षो का कठिन वनवास सहर्ष स्वीकार कर लिया। लक्ष्मण ने अपने बड़े भाई श्री राम और माता तुल्य भाभी सीता की सेवा के लिए राजसी सुख को त्यागने में तनिक भी संकोच नहीं किया। बड़ों के आदर और सत्कार का इससे बड़ा उदाहरण आखिर कहां मिलेगा। याद रखिए, माता-पिता के आशीर्वाद से यश, धन, बल और आयु की प्राप्ति होती है। जीवन में ये चार चीजें प्राप्त हो जाए तो फिर कोई अभिलाषा बाकी नहीं रहती। बुधवार को श्री राम कथा वाचन के दौरान उपरोक्त बातें बद्रीधाम से पधारे संत श्री सीताराम जी महाराज ने कही। कथा वाचन के चौथे दिन भगवान राम के बाल्यकाल का सुंदर वर्णन आचार्य जी ने किया। कहा कि जब जब धरती पर पाप बढ़ता है, भगवान को धरती पर अवतार लेना पड़ता है। भगवान श्री राम ने ऋषि विश्वामित्र के बुलावे पर ताड़कासुर का वध किया। घमासान युद्ध के बाद जब ताड़का भूमि पर गिरी तो निरीह आंखों को देख भगवान को दया आ गई और उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई। भगवान राम के चरण पड़ने मात्र से गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या के पाप धुल गए। इसलिए कहा गया है कि राम नाम में ही सबसे बड़ी शक्ति है। श्रीराम विवाहोत्सव को लेकर नैतिक जागरण मंच के द्वारा विशेष तैयारी की गई थी। विवाहोत्सव को लेकर स्थानीय श्रद्धालुओं में काफी उत्साह दिखा। लोगों ने बढ़चढ़ कर इस आयोजन में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ कवि और साहित्यकार पंडित दिनेश भ्रमर, अधिवक्ता रघुनाथ प्रसाद, वार्ड नंबर 02 के पार्षद प्रतिनिधि अजय मोहन गुप्ता, वार्ड 05 के पार्षद प्रतिनिधि रामाधार सहनी आदि को अंगवस्त्र देकर सम्मानित भी किया गया। सन फ्लावर चिल्ड्रेन एकेडमी विद्यालय परिसर में आयोजित इस दिव्य कथा को सुनने के लिए दूर दूर से लोगों की भीड़ उमड़ रह है। अध्यक्ष अरुण कुमार ¨सह, सचिव निप्पू कुमार पाठक, अर¨वद कुमार ¨सह, नंदलाल प्रसाद, पारसनाथ जायसवाल, हृदयानंद दूबे, टूनटून जी, रघुवंशमणि पाठक, मिथिलेश पांडेय,हरिकिशुन प्रसाद, अनूप पांडेय, दीपक गुप्ता, मनोज ठाकुर, शशि चौधरी आदि आयोजन को सफल बनाने में जोरशोर से जुटे हुए हैं।

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