राफ्ता-राफ्ता बढ़ रही जागृति, पोखरे की सफाई में जुटे लोग

दैनिक जागरण की ओर से जल स्त्रोतों के संरक्षण पर चलाए गए अभियान का असर अब दिखने लगा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Jun 2018 11:41 PM (IST) Updated:Mon, 18 Jun 2018 11:41 PM (IST)
राफ्ता-राफ्ता बढ़ रही जागृति, पोखरे की सफाई में जुटे लोग
राफ्ता-राफ्ता बढ़ रही जागृति, पोखरे की सफाई में जुटे लोग

बेतिया । दैनिक जागरण की ओर से जल स्त्रोतों के संरक्षण पर चलाए गए अभियान का असर अब दिखने लगा है। लोगों ने इस बात का एहसास करना शुरु कर दिया है कि जल हमारे लिए अति महत्वपूर्ण है। हम इसे बर्बाद करने से बचाएं। तभी हमारा भविष्य सुरक्षित रहेगा। वरना प्रकृति की विपरीत रूप जीव जगत को बुरी तरह प्रभावित कर देगा। इसे ध्यान में रखते हुए आम लोग पोखरों की साफ-सफाई में जुट गए हैं। इसी क्रम में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने ऐतिहासिक दुर्गाबाग पोखरे की साफ-सफाई की। इस क्रम में उनका साथ अन्य छात्रों ने भी दिया। उन्होंने बताया कि सागर पोखरा ऐतिहासिक पोखरा है। मानव भूल के कारण इस महान धरोहर के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगे हैं। इस पोखरे को सबसे ज्यादा खतरा गंदगी से से है। इसके कारण यह असमय सूखता जा रहा है। दैनिक जागरण द्वारा चलाई जा रही पहल की प्रशंसा करते हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह काफी संतोष की बात है कि पोखरों के जीर्णोद्धार के प्रति यह अखबार जागरूक हुआ है। सरकार को भी ऐसे महान धरोहरों को बचाने की कवायद शुरु करनी चाहिए। ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी पूर्वजों के इस महान धरोहर पर गर्व कर सके। बताते चलें कि नगर का ऐतिहासिक दुर्गाबाग पोखरा को बेतिया राज के द्वारा खुदवाया गया था। इस तालाब के निर्माण में हजारों मजदूरों ने वर्षो तक खून पसीना बहाया था। पोखरा के तट पर महाराजा ने विशाल दुर्गामंदिर का निर्माण भी कराया था। बहरहाल, प्रशासनिक एवं आम लोगों की लापरवाही के कारण इस पोखरे की खूबसूरती समाप्ति की ओर है। आलम यह है कि नहाने की बात तो दूर रहे, धोबी भी अब कपड़ा धोने से कतराते हैं। पोखर की सफाई करनेवालों में परिषद कार्यकर्ता धनरंजन कुमार उर्फ गुड्डू सत्येंद्र चौबे, रमन गुप्ता, रजनीश गोस्वामी, रीतेश कुमार मिश्र, कृष्ण पाम्डेय, रवि पटेल, निखिल महापात्रा, मनोज कुमार उर्फ मंटू, सुजीत कुमार तिवारी आदि सक्रिय रहे।

chat bot
आपका साथी