बाल विवाह के दलदल से निकल समाज को नया संदेश दे रही है यह लड़की, जानिए

9 साल की उम्र में एक लड़की का विवाह 35 साल के युवक से कर दिया गया था। अब वह इस दलदल से निकलकर कुछ करना चाहती है। आगे बढ़ना चाहती है।

By Ravi RanjanEdited By: Publish:Sat, 29 Apr 2017 06:12 PM (IST) Updated:Sat, 29 Apr 2017 10:25 PM (IST)
बाल विवाह के दलदल से निकल समाज को नया संदेश दे रही है यह लड़की, जानिए
बाल विवाह के दलदल से निकल समाज को नया संदेश दे रही है यह लड़की, जानिए

प. चम्पारण [जेएनएन]। 9 साल की उम्र में एक लड़की का विवाह 35 साल के युवक से कर दिया गया था। अब वह इस दलदल से निकलकर कुछ करना चाहती है। आगे बढ़ना चाहती है। बाल विवाह के दलदल में फंसी इस मासूम को प्रशासन की सजगता से बचा लिया गया है। उसका नामांकन कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय हरनाटाड़ में करा दिया गया है। इस बच्ची की नाम है मालती।

मालती की शादी अप्रैल 2014 में महज 9 साल की उम्र में 35 साल के एक व्यक्ति से कर दी गई थी। पति के डर से छिप कर रह रही इस बच्ची को एक एनजीओ का सहारा मिला। जिसकी पहल पर वह छिपकर रह रही थी। इस बीच कई बार पति ने उसे अपने साथ ले जाने की कोशिश की। लेकिन वह ससुराल जाने से इंकार करती रही।

हाल में उसने सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर अपनी व्यथा सुनाई थी। जिसके बाद शनिवार को प्रशासनिक महकमा हरकत में आया। एसडीएम धर्मेंद्र कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नाबालिग लड़की को थाने बुलवाया। उसके बयान पर पति गुमानी यादव समेत को नामजद करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई। एसडीएम के समक्ष थाने में ही उसका बयान हुआ। जहां से उसे कस्तूरबा विद्यालय भेज दिया गया। 

यह है मामला 

रमगढ़वा थाना क्षेत्र के मुगर्हवा गांव निवासी दहाड़ी बीन और ममता देवी को पांच पुत्रियां हैं। बेटियों को जन्म देने की वजह से दहाड़ी ने ममता और बेटियों को छोड़ दूसरी औरत से ब्याह रचा लिया। ममता बेटियों के साथ बगहा आ गई। यहां उसने वीरेंद्र यादव नामक एक व्यक्ति से शादी कर ली।

ममता की दूसरी बेटी मालती का विवाह वर्ष 2014 में मैनाटाड़ थाना क्षेत्र के घोड़पकड़ी गांव निवासी गुमानी यादव से हुआ। उस समय मालती महज 9 साल की थी। वह स्कूल पढ़ने जाती थी। शादी के बाद गुमानी उसे अपने साथ ले जाने पर अड़ गया। उसके डर से मालती छिप-छिप कर रहने लगी।

इसी बीच एक एनजीओ के संपर्क में बच्ची आई। जिसके बाद उसे एक परिवार ने आश्रय दिया। मालती ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई और आगे पढ़ने की इच्छा जताई। इसके बाद एसडीएम धर्मेंद्र कुमार ने इस मामले में संज्ञान लिया और उनकी पहल से मालती बाल विवाह के दलदल से निकल सकी। 

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बयान 

बाल विवाह समाज के लिए अभिशाप है। हम मालती की हिम्मत को सलाम करते हैं। उसका नामांकन कस्तूरबा आवासीय विद्यालय हरनाटाड़ में करा दिया गया है। जहां उसे सारी सुविधाएं मिलेंगी। पठखौली ओपी में नाबालिग के बयान पर पति समेत अन्य पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। सभी आरोपियों को जेल भेजा जाएगा।

धर्मेद्र कुमार, एसडीएम बगहा।

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