मुठभेड़ के बाद सुरेंद्र राम को बनाया गया था जोनल कमांडर,संगठन को मजबूत करने की थी जिम्मेदारी

नक्सली सुरेंद्र राम बन गया था जोनल कमांडर

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Aug 2022 12:34 AM (IST) Updated:Fri, 26 Aug 2022 12:34 AM (IST)
मुठभेड़ के बाद सुरेंद्र राम को बनाया गया था जोनल कमांडर,संगठन को मजबूत करने की थी जिम्मेदारी
मुठभेड़ के बाद सुरेंद्र राम को बनाया गया था जोनल कमांडर,संगठन को मजबूत करने की थी जिम्मेदारी

मुठभेड़ के बाद सुरेंद्र राम को बनाया गया था जोनल कमांडर,संगठन को मजबूत करने की थी जिम्मेदारी

बगहा। दो साल पहले हरनाटांड के जंगल में जब एसटीएफ के साथ मुठभेड़ हुई थी। उस समय गिरफ्तार नक्सली जयंत ने पूरी ताकत झोंक दी थी। मुठभेड़ में शामिल एसटीएफ के जवान पूरी तैयारी के साथ कैंप स्थल पर पहुंचे थे। परिणाम हुआ कि नक्सलियों को ही उल्टे पांव भागना पड़ा था। उसी मुठभेड़ के बाद संगठन ने सुरेंद्र राम उर्फ जयंत उर्फ सागर को चंपारण का जोनल कमांडर बना दिया। तभी से इस जोन की कमान सुरेंद्र के हाथों में थी। संगठन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले सुरेंद्र को पुलिस जानती भी नहीं थी। मुठभेड़ के बाद जब पूरी टीम चंपारण छोड़ शिवहर पहुंची तो एक महिला नक्सली पूजा देवी को शिवहर में गिरफ्तार किया गया था। वह गोलीबारी में घायल हुई थी। पूछताछ में उसने अपने अन्य साथियों के नाम उजागर किए। जिसमें सुरेंद्र राम का भी नाम आया। इसकी पुष्टि जिला पुलिस व एसटीएफ के हत्थे चढ़े सुरेंद्र ने पूछताछ में की है। लौकरिया थाने की पुलिस ने उसे जेल भेज दिया है। बताया गया कि सुरेंद्र ने पिछले कई सालों से बगहा, बेतिया व मोतिहारी में भ्रमण कर एक-एक क्षेत्र को नजदीक से देखा था। साधारण कद काठी का यह युवक स्थानीय लोगों में घुल मिल गया था। जिससे किसी को शक भी नहीं होता था कि वह नक्सली संगठन से है। हरनाटांड के जंगल में हुई मुठभेड़ के बाद बगहा पुलिस जिले से नक्सली संगठन पलायन कर गया था। हाल के दिनों में संगठन के कुछ लोग चंपारण के जंगल व पहाड़ी इलाकों में शरण लिए हैं। इसका मुख्य मकसद संगठन को फिर से मजबूत करना है। हालांकि, पुलिस की सक्रियता के कारण ये अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पा रहे।

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