डूब गया फुटबॉल का सितारा

नरकटियागंज, संवाद सहयोगी : सच कहते है कि जीवन और मौत पर आदमी का जोर नहीं चलता है। दुनिया से विदा होन

By Edited By: Publish:Mon, 20 Apr 2015 01:00 AM (IST) Updated:Mon, 20 Apr 2015 04:38 AM (IST)
डूब गया फुटबॉल का सितारा

नरकटियागंज, संवाद सहयोगी : सच कहते है कि जीवन और मौत पर आदमी का जोर नहीं चलता है। दुनिया से विदा होने के कुछ बहाने जरूर बन जाते हैं। चर्चित फुटबालर 47 वर्षीय सरल अंसारी भी जीवन और मौत से संघर्ष में आखिरकार हार ही गया। इसके साथ ही नरकटियागंज के खेल क्षेत्र में वह सितारा सदा के लिए डूब गया। 1984 में सरल अंसारी नरकटियागंज आया। खेलकूद प्रशिक्षक सुनील कुमार वर्मा के नेतृत्व में सरल ने फुटबॉल को जिंदगी का अहम हिस्सा बना लिया। अंतरजिला कई मैच खेले और टीम को उंची कामयाबी दिलायी। राज्य ट्रांसपोर्ट मुजफ्फरपुर में नौकरी मिली और किसी कारण से नौकरी छूट भी गई लेकिन फुटबाल का जुनून कम नहीं हुआ। करीब 10 वर्षो तक खेल के क्षेत्र में परचम लहराया। युवा उम्र में पत्‍‌नी ने साथ छोड़ दिया। इस खिलाड़ी पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा। ब्लाक रोड अवस्थित एक घर में छह माह से बीमार हालत में पड़ा रहा। हालांकि, इस बीच स्थानीय कुछ जागरूक लोगों में बाबूजान अंसारी, राजेश कुमार, पिंटू उर्फ इसरार, सन्नी, जितेन्द्र कुमार, उर्फ जिम्मी, विनय ठाकुर ने खिलाड़ी को बचाने के लिए चंद घंटे में कुछ लोगों से सहयोग लेकर 44 हजार रुपये इक्कट्ठे किये। उसी दिन शनिवार को गोरखपुर इलाज के लिए भेजा गया। मगर इन प्रयासों के बाद भी खिलाड़ी सरल अंसारी की मौत वहां के अस्पताल में हो गई। यहां बता दें कि खिलाड़ी सरल अंसारी खेल अवधि में एक बेहतर रेफरी भी साबित हुआ। जिसपर टीम और सभी खेल प्रेमियों को नाज था। सरल की मौत पर कांग्रेस के प्रदेश संगठन सचिव बाबूजान अंसारी, खेलकूद डायरेक्टर सुनील वर्मा, राजेश कुमार, कैलाश यादव, अवधकिशोर, सिंहा, विनोद गुप्ता, रामाशंकर प्रसाद, निर्भय मिश्र आदि ने गहरा शोक व्यक्त किया।

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इकलौती बेटी के सिर से उठा माता-पिता का साया

पहले मां का आंचल सिर से उठा। फिर पिता का साया छिन गया। सरल अंसारी की इकलौती बेटी रोजी पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ी। जिस बेटी की शादी और बेटी के कई अरमानों को पूरा करने के सपने सच करने की दिशा में पिता बीमार ही सही सामने ताकत बनकर रहे। आज बेटी के सपनों को अधूरा छोड़ खिलाड़ी सरल सदा के लिए दुनिया से चल बसा।

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समाज की बेटी बनेगी रोजी

रेजी के माता-पिता का साया तो अब नहीं मिल सकता। मगर उसे समाज अपनी बेटी बनाएगा। सेवा संस्था के लोगों के सहयोग से खिलाड़ी सरल अंसारी की इकलौती बेटी की शादी कराएगी। अध्यक्ष बाबूजान अंसारी व उपाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि रोजी के लिए लड़का ढ़ूढ़ने से लेकर शादी कराने तक की पहल होगी। उसे अब समाज की बेटी बनाकर हाथ पीले कराए जाएंगे। इसके लिए समाज से अपील की गई है।

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