लूट की घटना ने पुलिस को एक बार फिर दिखाया आइना

परमेन्द्र कुमार सिंह, हाजीपुर : नगर थाना क्षेत्र में मंगलवार की सुबह हुई लूट की घटना ने पुलिस को एक

By Edited By: Publish:Tue, 03 Mar 2015 10:37 PM (IST) Updated:Wed, 04 Mar 2015 04:01 AM (IST)
लूट की घटना ने पुलिस को एक बार फिर दिखाया आइना

परमेन्द्र कुमार सिंह, हाजीपुर : नगर थाना क्षेत्र में मंगलवार की सुबह हुई लूट की घटना ने पुलिस को एक बार फिर आइना दिखाया है। नगर थाना के पीछे लूट की घटना को अंजाम देकर अपराधियों ने वैशाली पुलिस को खुली चुनौती दे डाली है।

जिले के ग्रामीण क्षेत्र की बात तो दूर शहर जहां कई थाने हैं। पुलिस के छोटे-बड़े अफसर बैठते हैं वहां के लोग कितने महफूज हैं हाल की घटनाओं ने सच्चाई बयां कर दी है। मंगलवार को पांच की संख्या में लुटेरों ने थाना के ठीक पीछे एक माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी से चार लाख रुपये हथियार के बल पर लूट लिये और आराम से फरार हो गये। घटना के बाद सूचना पर नगर थाना की पुलिस घटनास्थल पर आधा घंटा बाद ही पहुंच सकी। तब तक लुटेरों फरार हो चुके थे। लूट की इस घटना में एसकेएस माइक्रो फाइनेंस कंपनी का चार लाख रुपये लूटे गये हैं। हालांकि नगर थाना की पुलिस इस घटना को संदिग्ध मान रही है। नगर थानाध्यक्ष जितेन्द्र प्रसाद का कहना है कि यह लूट हुई ही नहीं है। यह रुपया कर्मचारियों ने खुद साजिश के तहत गायब कर दिया है। उन्होंने बताया कि कर्मचारी रुपया अपने घर में ही रखकर लूट का शोर मचा दिया है। घर में रुपये होने की बात कह नगर थाना की पुलिस कुछ मीडिया कर्मी को लेकर कर्मचारी के घर इस कांड का उद्भेदन करने के लिए पूरे तामझाम से पहुंचे। पुलिस का कहना था कि रुपया घर में ही है। पुलिस ने उक्त कर्मी के घर का एक-एक कोना, सारा सामान उलट-पुलट कर देखा पर रूपये बरामद नहीं हुए। पुलिस का कहना है कि उक्त स्थल पर सुबह-सुबह लूट हो ही नहीं सकती। वहां हर समय चहल-पहल रहती है। कर्मचारी झूठ बोल रहा है। नगर थाना की पुलिस ने इस मामले में घटनास्थल का मुआयना करना तथा घटना के वक्त उपस्थित लोगों से पूछताछ करना भी मुनासिब नहीं समझा। शहर में लगातार घट रही लूट की घटना से पुलिस वास्तव में बेबस हो गयी है। इलाहाबाद बैंक के 14 लाख लूट, महिन्द्रा फाइनेंस का 15 लाख लूट तथा प्रोपर्टी डीलर से 10 लाख की लूट अभी भी पुलिस के लिए अबूझ पहेली बनी हुई है। ज्ञात हो कि जब-जब माइक्रो फाइनेंस कंपनी का रुपया लूटा गया पुलिस ने उस लूट को ही संदिग्ध करार दे दिया। मामले से पल्ला झाड़ लिया। पुलिस की नजर में यदि माइक्रो फाइनेंस कपंनी के रुपये लूट की सभी घटना संदिग्ध है तो आज तक किसी कर्मचारी पर पुलिस ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? यह सवाल लोगों को चूभ रहा है। हर बड़ी घटना के बाद लोगों का मुंह बंद करने के लिए पुलिस कुछ अपराधी टाईप लोगों केा पकड़ कर जेल भेज देती है। साक्ष्य के अभाव में जेल भेजे गए कथित अपराधी कुछ दिनों बाद छूट जाते हैं। हालांकि एक दो मामले में पुलिस को पुख्ता सबूत भी हाथ लगे। बहरहाल जो भी हो शहर में ताबड़तोड़ हो रही लूट की घटना ने पुलिस की नींद हराम कर दी है।

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