नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जल-जीवन-हरियाली का दिया गया संदेश

की चिर परिचित उम्मीद यानि अस्पतालों में चिकित्सक व कर्मियों की घोर कमी की पूर्ति दूर-दूर तक होते नहीं दिखाई पड़ रही है

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jan 2020 06:04 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jan 2020 06:04 PM (IST)
नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जल-जीवन-हरियाली का दिया गया संदेश
नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जल-जीवन-हरियाली का दिया गया संदेश

संवाद सूत्र, सरायगढ़(सुपौल): जिला प्रशासन सुपौल द्वारा जल-जीवन-हरियाली अभियान की सफलता को लेकर निकाले गए कला जत्था टीम ने रविवार को सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के मध्य विद्यालय भपटियाही के प्रांगण में भव्य कार्यक्रम प्रस्तुत किया। मध्य विद्यालय कटैया के संकुल समन्वयक देवनारायण रंजन सहित अन्य की उपस्थिति में आयोजित कला जत्था कार्यक्रम में कलाकारों ने जीवन में जल और हरियाली के महत्व को बताते हुए उपस्थित दर्शकों को अपने-अपने आसपास के जगहों पर पौधे लगाकर जल संचय करने का संदेश दिया। कलाकारों ने गीत तथा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को बताया कि जीवन में सुरक्षित रहने के लिए जल जरूरी है और जल को सुरक्षित रखने के लिए वृक्ष। बिना वृक्ष हरियाली संभव नहीं है और यदि हरियाली नहीं है तो जीवन खतरे में पड़ सकता है। कलाकारों ने कहा कि 19 जनवरी को सुपौल जिले में आयोजित होने वाले मानव श्रृंखला में लोग शामिल होकर जल-जीवन-हरियाली अभियान को मूर्त रूप देने में सहयोग करें। कलाकारों ने लोगों को यह भी संदेश दिया कि वह अपने-अपने गांव के लोगों को मानव श्रृंखला के लिए अग्रसर करे ताकि राज्य सरकार का यह अभियान पूरी तरह से सफलीभूत हो सके। कार्यक्रम के अंत में संकुल समन्वयक देवनारायण रंजन ने कलाकारों तथा उपस्थित लोगों का अभिवादन करते मानव श्रृंखला को सफल बनाने का अनुरोध किया।

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