गांधी कथा वाचन में सत्य अहिसा के अलावा स्वच्छता, स्वावलंबन पर भी जोर

मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के पूर्वी छोर पर अवस्थित छिटही हनुमान नगर पंचायत में पक्की नली गली निर्माण में सरकार के उद्देश्यों की कई जगहों पर खुलेआम अनदेखी किए जाने का मामला सामने आ रहा है। जानकारी अनुसार पंचायत क्षेत्र में अधिकांश जगहों पर गली नली निर्माण में समूह के सुविधाओं को दरकिनार कर दिया गया है। पंचायत क्षेत्र में कुछ ऐसी योजनाओं का संचालन भी किया गया है जिसमें सिर्फ और सिर्फ एक ही परिवार को लाभ पहुंच रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Sep 2019 02:28 AM (IST) Updated:Mon, 30 Sep 2019 06:30 AM (IST)
गांधी कथा वाचन में सत्य अहिसा के अलावा स्वच्छता, स्वावलंबन पर भी जोर
गांधी कथा वाचन में सत्य अहिसा के अलावा स्वच्छता, स्वावलंबन पर भी जोर

सुपौल। बीआरसी सुपौल में चल रहा गांधी कथा वाचन शिक्षक प्रशिक्षण शनिवार को संपन्न हो गया। प्रशिक्षणोपरांत, विभिन्न समूहों (प्रखंडानुसार) के शिक्षकों ने अपने विद्यालय में गांधी कथा वाचन को लागू करने की योजना समर्पित की। सभी ने गांधी के आदर्शों पर चलने और अपने विद्यालय के बच्चों को उनके आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित करने की बात कही। किसी एक विज्ञान शिक्षक (प्रशिक्षु) के द्वारा ये कहे जाने पर कि इस कथा वाचन में हम विज्ञान वालों का क्या काम प्रशिक्षक गीता मिश्रा ने इस कथा वाचन को विज्ञान से जोड़कर और भी आकर्षक बना दिया। प्रशिक्षण में सत्य, अहिसा, त्याग, निष्ठा के अलावा स्वच्छता, स्वास्थ्य, श्रम, स्वावलंबन पर अधिक जोर दिया गया। सभी शिक्षकों ने इसकी दिल खोलकर तारीफ की। शिक्षकों के द्वारा इस प्रशिक्षण की समीक्षा भी की गई। कथा वाचन को विज्ञान से जोड़ने पर खुशी जताते हुए हजारी उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक जवाहर झा ने कहा कि गांधी जी सत्य के पुजारी थे और विज्ञान पूरी तरह सत्य पर ही आधारित है। विलियम्स उ.वि. के शिक्षक श्री रामचन्द्र प्रसाद ने कहा कि इस प्रशिक्षण में भाग लेने से पहले उन्हें लगता था कि इसमें राजनीति शास्त्र वालों को भाग लेना चाहिए, लेकिन प्रशिक्षण के बाद उन्होंने कहा यह प्रशिक्षण तो सभी के लिए है। इसमें आध्यात्म भी है, राजनीति भी है, संगीत भी है और विज्ञान भी है। तेजेन्द्र उ.वि. बरुआरी के प्रधान श्री परमेश्वर मिश्र ने कहा कि जब उन्हें इस प्रशिक्षण का पत्र मिला और उन्होंने देखा कि प्रशिक्षक के रूप में एक महिला है, तो उन्हें लगा ये महिला हमें क्या प्रशिक्षण देगी। लेकिन भारी मन से ही सही प्रशिक्षण में सम्मिलित होने के बाद उनका ये विचार बदल गया। त्रिवेणीगंज के मंसूर आलम और कोरियापट्टी के मु. कमालुद्दीन ने भी इस प्रशिक्षण की तारी़फ करते हुए गाँधी कथा वाचन के माध्यम से बच्चों में नैतिकता के विकास करवाने की बात कही। बीआरपी साफिर आलम ने सभी शिक्षकों का धन्यवाद ज्ञापन किया।

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