गेंदा के फूल से महकेगा कोसी का इलाका, विभाग ने कसी कमर

सुपौल। अब कोसी का यह इलाका भी अपनी जमीन से उपजे गेंदा फूल की महक से सुगंधित होगा। इसको ले

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jan 2019 01:12 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jan 2019 01:12 AM (IST)
गेंदा के फूल से महकेगा कोसी का इलाका, विभाग ने कसी कमर
गेंदा के फूल से महकेगा कोसी का इलाका, विभाग ने कसी कमर

सुपौल। अब कोसी का यह इलाका भी अपनी जमीन से उपजे गेंदा फूल की महक से सुगंधित होगा। इसको लेकर जिला कृषि विभाग ने कमर कस ली है। चालू वित्तीय वर्ष में विभाग ने जिले में एक हजार हेक्टेयर खेतों में गेंदा फूल की खेती करने का फैसला लिया है। फिलहाल 4.4 हेक्टेयर में गेंदा फसल लगाने को लेकर विभाग को आवेदन प्राप्त हो चुका है। शेष बचे खेतों के लिए आवेदन फरवरी तक हर हाल में पूरा कर लेने को कहा है। बुधवार को जिला कृषि कार्यालय में उद्यान पदाधिकारियों की बैठक में पहुंचे जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार झा ने अधिकारियों को कई निर्देश जारी किए। कहा कि कार्य में किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चालू वित्तीय वर्ष का लक्ष्य इसी वर्ष पूरा हो। इसके लिए उद्यान विभाग को सजग होने की जरूरत है। ऐसा नहीं होने पर इसकी जवाबदेही जिला उद्यान इकाई की होगी। कहा कि अब सिर्फ कागजों पर रिपोर्ट बाजी नहीं चलेगी। उद्यान विभाग से जुड़े कार्यों का निगरानी अब वे स्वयं करेंगे। कार्यों में कंजूसी बरतने वाले अधिकारी सीधे तौर पर कार्यवाही की जद में आएंगे। डीएओ ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि इससे पूर्व जिला उद्यान से जुड़े लाभुक की सूची की मांग की गई थी जो प्रतिवेदन आज तक उन्हें नहीं मिल पाया है। कहा कि किसी भी तरह की गड़बड़ी के लिए सहायक उद्यान पदाधिकारी समेत इनसे जुड़े कर्मी को जवाब देना होगा। समीक्षा के दौरान डीएओ ने कहा के लक्ष्य का 80 प्रतिशत उपलब्धि हर हाल में चाहिए। बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में केला खेती के लिए जिले को 40000 हेक्टेयर लक्ष्य मिला था। जिसमें से अभी तक 31000 खेतों में केला की खेती कर ली गई है। सहायक निदेशक उद्यान को फरवरी माह में हर हालत में लक्ष्य पूरा करने को कहा। इसी प्रकार आम के लिए 80 हेक्टेयर का लक्ष्य प्राप्त था। जिसमें से 67 हेक्टेयर पूरा कर लिया गया है। डीएओ ने गेंदा की खेती पर जोर देते हुए कहा कि यहां के वातावरण और खेत गेंदा फूल की खेती के लायक है। हम चाहते हैं कि गेंदा फूल उत्पादन में जिला आत्मनिर्भर हो। खासकर युवा वर्ग को इस खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाए। बताया कि 10 हेक्टेयर में गेंदा फूल लगाने का लक्ष्य विभाग को प्राप्त है। जिसमें से 4.4 हेक्टेयर के लिए आवेदन प्राप्त हो चुका है। शेष बचे लक्ष्य को फरवरी तक पूरा करने को कहा। कहा कि जो किसान 01 हेक्टेयर में गेंदा की खेती करेंगे उसे विभाग की ओर से प्रोत्साहित किया जाएगा। मसाला खेती समीक्षा के दौरान 50 हजार हेक्टेयर में से उपलब्धि 24.50 हुई है। जिसमें सिर्फ मिर्च ही शामिल है। मखाना खेती को लेकर डीएओ ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यहां लक्ष्य से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। मखाना सबौर सबवन प्रभेद भेद बीज के लिए मांग की गई है। जल्द ही 03 ¨क्वटल यह बीज उपलब्ध हो जाएगा। मेंथा खेती में हम काफी आगे हैं। 50 से 50 हेक्टेयर का आवेदन प्राप्त हो चुका है। बताया कि त्रिवेणीगंज प्रखंड के गोनहा गांव को मेंथा गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। बैठक में सहायक उद्यान पदाधिकारी विजय पंडित समेत प्रखंड उद्यान पदाधिकारी मौजूद थे।

chat bot
आपका साथी