सड़कें सुनसान, बाजारों में छाई खामोशी

संवाद सूत्र करजाईन बाजार (सुपौल) सन 1975 में बनी सुपरहिट फिल्म शोले के डायलॉग बुधवार क

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 12:00 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 12:00 AM (IST)
सड़कें सुनसान, बाजारों में छाई खामोशी
सड़कें सुनसान, बाजारों में छाई खामोशी

संवाद सूत्र, करजाईन बाजार (सुपौल) : सन 1975 में बनी सुपरहिट फिल्म शोले के डायलॉग बुधवार को हकीकत में नजर आया। शोले फिल्म के एके हंगल का डायलॉग इतना सन्नाटा क्यों है भाई चरितार्थ हो रहा था। कोरोना की दूसरी लहर के बाद मंगलवार को बिहार सरकार द्वारा जारी लॉकडाउन की घोषणा के बाद सड़कें हों या गलियां या फिर बाजार हर तरफ सन्नाटा छाने लगा। चारों तरफ एक अजीब सी उदासी का माहौल था। हर तरफ सन्नाटा था और इस सन्नाटे में सड़कों पर कभी-कभी वाहनों की ची-पौं की आवाजें ही गूंज रही थी। दिन के 11 बजते ही बा•ारों की सूरत बदली-बदली नजर आने लगी। घर से बाहर निकलते ही जैसे ही कदम डुमरी चौक एनएच-106 पर पहुंची तो सड़क पर आवाजाही थमी नजर आई। दिनभर वाहनों की आवाजाही से व्यस्त सड़कें सुनसान नजर आ रही थी। कभी-कभी इक्का-दुक्का वाहन सड़क पर दौड़ते दिखे। कुछ दूर चलने के बाद रतनपुर पुरानी बाजार चौक पर पहुंचते ही नजारा वीरानी सा नजर आया। सुबह से ही गुलजार रहने वाला चौक खामोश था। दुकानों की शटर गिरे थे। सड़क पर दूर तक लोग नजर नहीं आ रहे थे। यह नजारा बुधवार को करजाईन एवं रतनपुर थाना क्षेत्र के आसपास के क्षेत्रों का था। 11 बजे के बाद तो बाजार में सन्नाटा पसरा था। वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते प्रभाव के बाद कोरोना को हराने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जारी लॉकडाउन का खासा असर देखने को मिला। करजाईन बाजार, बायसी, रतनपुर, भगवानपुर, परमानंदपुर, मोतीपुर आदि पंचायतों के चौक-चौराहों पर ़खामोशी थी। साथ ही सड़कों पर सन्नाटा पसरा था। अलसुबह से ही वाहनों की ची-पौ से व्यस्त रहने वाला एनएच 106 पूरी तरह सूना-सूना नजर आ रहा था। रतनपुर पुरानी बाजार चौक से रतनपुर नया बाजार होते हुए करजाईन बाजार तक की 10-15 किलोमीटर के सफर में एका-दुक्का वाहनों की आवाजाही देखने को मिली वो भी दोपहिया वाहन। करीब दो-तीन किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैले करजाईन बाजार में दवा दुकानें छोड़कर हर तरफ दरवाजें बंद थे। सड़क पर आवाजाही गुम थी। बा•ारों में लोग घरों की छतों एवं खिड़कियों से बाहर का नजारा लेते दिखे। वहीं गांव की सड़कों पर कहीं-कहीं लोग नजर आए। वो भी कुछ देर बाहर का नजारा देखकर घरों में जा दुबकते थे। बहुत जरूरी काम से ही लोग बाहर निकल रहे थे। सन्नाटे के बीच में सड़क पर आवाजाही करने वाले लोगों को पुलिस सुरक्षा एवं सतर्कता समझा रहे थे।

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