बारिश के साथ बहता है दर्द का सागर

सुपौल। हमारी तो किस्मत ही फूटी है। हल्की बारिश होते ही सड़क पर जलजमाव आम बात हो गई है। अब तो हालत यह

By Edited By: Publish:Tue, 24 May 2016 01:02 AM (IST) Updated:Tue, 24 May 2016 01:02 AM (IST)
बारिश के साथ बहता है दर्द का सागर

सुपौल। हमारी तो किस्मत ही फूटी है। हल्की बारिश होते ही सड़क पर जलजमाव आम बात हो गई है। अब तो हालत यह है कि ग्राहक भी दुकान पर आने से कतराते हैं। इतना कहते ही करजाईन बाजार के व्यापारियों के चेहरे मायूस हो जाते हैं। दुकान पर बैठे रामू व झामू ने सड़क की तरफ इशारा करते हुए कहा हालात देख ही रहे हैं। आखिर किस से कहें अपनी व्यथा। कई गावों का मुख्य बाजार करजाईन की सड़क अब लोगों के लिए सिरदर्द बन गई है। चुनाव के मौसम में बाजार की हालत सुधारने की

बातें तो बड़ी जोर-शोर से होती है। लेकिन वोट लेने के बाद सुध लेने की भी किसी को फुर्सत नहीं होती। आज जलजमाव करजाईन बाजार की बड़ी समस्या बन गई है। बाजार के बीचों-बीच से गुजरने वाली एनएच 106 बारिश की पानी से दरिया बन गया है। शनिवार को हुई बारिश ने पहले सी ही बदहाल बाजार की सड़क को और नारकीय बना दिया। बाजार में जगह-जगह जलजमाव होने से लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क में बने गढ्डे तथा जलनिकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण अस्पताल से लेकर दुर्गा मंदिर तक सड़क पर घुटनेभर पानी जमा है। जिनसे होकर निकलने में लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। जब इस होकर बड़े वाहन निकलते हैं तो पानी दुकान के अंदर तक पहुंच जाता है। इतना ही नहीं गड्ढ़ों में पानी भर जाने के कारण कई पैदल व दोपहिया वाहन सवार गिरकर घायल भी हो चुके हैं। स्कूल जाने वाले छोटे-छोटे बच्चों की तो मुश्किलें और बढ़ गई हैं। बाजार के गोसपुर रोड के समीप तो सड़क पूरी तरह कीचड़मय हो गई है। बारिश के दिनों में तो बाजार की नारकीय हालत से स्थानीय लोग व व्यापारियों को हर रोज खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

- कहते हैं स्थानीय लोग

स्थानीय निवासी डा. रमेश प्रसाद यादव, महेशानंद, पवन कुमार यादव, काशिन्द्र यादव, सुशील सोमानी, झामु, रामू, लक्ष्मी आदि ने बताया की करजाईन की सड़क अब लोगों के लिए आफत की सड़क बन गई है। इस सड़क से निकला अब राहगीरों के लिए चुनौती बन गई है। दरिया में तब्दील बाजार की सड़क अब हर पल हादसों को न्यौता दे रहा है। दुकानदार से लेकर राहगीर तक परेशान हैं। दुकानों के आगे पानी जमा रहने से ग्राहक को भी दुकान तक आने में परेशानी होती है। इससे बिक्री पर भी असर पड़ रहा है। साथ ही राहगीरों

को भी खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि थोड़ी सी बारिश होने के साथ ही यह समस्या शुरू हो जाती है। बरसात के दिनों में तो हालत पूरी तरह नारकीय हो जाता है। लेकिन व्यवस्था में बैठे लोग कुम्भकर्णी नींद में सोये हुए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि चुनाव से पहले हर प्रतिनिधि बड़े-बड़े वादे करते हैं। लेकिन उसके बाद भूल जाते हैं। बाजार की हालत सुधारने के लिए कई बार अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक गुहार लगा चुके हैं। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। इससे लोगों में आक्रोश भी है। स्थानीय लोग व दुकानदारों ने जिला पदाधिकारी से जल्द नारकीय हालत से निजात दिलाने की माग की है।

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