दूसरे दिन भी फाइलों को खंगालती रही निगरानी

फोटो फाइल नंबर-22एसयूपी-12 जागरण संवाददाता, सुपौल: पूर्व में निगरानी द्वारा फर्जी करार दिए गए जिले

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Jun 2018 10:03 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jun 2018 10:03 PM (IST)
दूसरे दिन भी फाइलों को खंगालती रही निगरानी
दूसरे दिन भी फाइलों को खंगालती रही निगरानी

फोटो फाइल नंबर-22एसयूपी-12

जागरण संवाददाता, सुपौल: पूर्व में निगरानी द्वारा फर्जी करार दिए गए जिले के 41 शिक्षकों की जांच को लेकर पुन: सुपौल पहुंची तीन सदस्यीय निगरानी की टीम ने दूसरे दिन शुक्रवार को भी जिला शिक्षा कार्यालय पहुंच कर ऐसे शिक्षकों के नियोजन संबंधित कागजातों की गहन जांच की। इस दौरान टीम ने राघोपुर प्रखंड का भी दौरा किया तथा शिक्षक नियोजन से संबंधित फाइलों को खंगाला। हालांकि दो दिन के जांच के बाद भी निगरानी टीम कुछ बताने से परहेज बरत रही है। इधर जिला शिक्षा कार्यालय के सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार पूर्व में निगरानी द्वारा जिन 41 शिक्षकों को फर्जी करार घोषित किया गया था उनमें से 4 शिक्षकों को प्राधिकार ने निर्दोष करार दिया। शेष बचे 37 शिक्षकों में से करीब डेढ़ दर्जन शिक्षकों को निगरानी द्वारा ही दोष मुक्त बताया गया। जिसके आधार पर विभाग ने ऐसे दोष मुक्त किए गए शिक्षकों को वेतन आदि का लाभ दे दिया। यहां सवाल उठता है कि जिन शिक्षकों को दोषमुक्त नहीं किया गया आखिर वैसे शिक्षक अब तक क्यों बने हुए हैं। जबकि निगरानी द्वारा की गई कार्रवाई आदेश में फर्जी करार दिए गए शिक्षकों की सेवा समाप्ति के साथ-साथ वेतन वापसी व प्राथमिकी का आदेश जारी किया गया था।

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इस मामले की तीसरी दफे हो रही जांच

गुरुवार को सुपौल पहुंची निगरानी की टीम का इस मामले में यह तीसरी बार अनुसंधान है। लेकिन दो दिन के जांच के बाद भी निगरानी की टीम कुछ भी बताने से परहेज कर रही है। हालांकि यह पहली बार है जब टीम जिला शिक्षा कार्यालय में जमा शिक्षकों के फोल्डर का मिलान नियोजन इकाई के फोल्डरों से की जा रही है।

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