अखिलेश्वर महाराज ने वैदिक सभ्यता के विवाह को बताया सर्वश्रेष्ठ

सुपौल, जागरण संवाददाता:योग योगेश्वर सेवा संस्थान ट्रस्ट द्वारा स्थानीय राधा-कृष्ण ठाकुरबाड़ी में आयोज

By Edited By: Publish:Wed, 04 Mar 2015 06:45 PM (IST) Updated:Wed, 04 Mar 2015 06:45 PM (IST)
अखिलेश्वर महाराज ने वैदिक सभ्यता के विवाह को बताया सर्वश्रेष्ठ

सुपौल, जागरण संवाददाता:योग योगेश्वर सेवा संस्थान ट्रस्ट द्वारा स्थानीय राधा-कृष्ण ठाकुरबाड़ी में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में हर दिन श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है। ट्रस्ट के संस्थापक गुरदेव श्री अखिलेश्वर जी महाराज ने कथा के छठे दिन यानि बुधवार को वैदिक सभ्यता के विवाह को सर्वश्रेष्ठ बताते हुए कहा कि विदर्भराज भीष्मक की पुत्री रुक्मिणी मन ही मन पति रुप में भगवान श्री कृष्ण को स्वीकार कर लेती है। लेकिन रुक्मिणी के लिए रुक्मी शिशुपाल को योग्य वर के रुप में चुनते हैं। इसी बात को लेकर प्रेम में विह्वल रुक्मिणी ब्राह्माण को संदेशा देकर द्वारिका श्री कृष्ण के पास भेजते हैं। कहा कि संदेशा को पढ़ते ही भगवान श्रीकृष्ण विदर्भ देश के लिए निकल पड़ते हैं। क्योंकि रुक्मिणी लिखी है कि यदि मेरे शिशुपाल से विवाह से पूर्व कुलदेवी पूजन के समय आप नहीं पहुंचे तो मैं जहर खा लूंगी। भगवान ठीक समय पर विदर्भ देश की कुलदेवी मंदिर में पहुंचकर माता रुक्मिणी का पाणिग्रहण करते हैं। रुक्मी, शिशुपाल आदि मार्ग को रोकना चाहते हैं लेकिन भगवान सबको हराते हुए द्वारिका पहुंचते हैं। द्वारिका में श्री कृष्ण रुक्मिणी विवाह वैदिक सभ्यता के परंपरा के अनुसार विधिवत किया जाता है। कथा के दौरान श्रद्धालु शांत भाव से आध्यात्मिक रस का पान कर रहे थे।

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