रिश्तों का कत्ल : बेटी-दामाद की हत्या की रची साजिश, गिरफ्तार

सिवान के रघुनाथपुर थाना क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने वाराणसी में रहने वाली अपनी बेटी व दामाद की हत्या की साजिश रची। इसके लिए उसने बनारस के आधा दर्जन बदमाशों को पांच लाख रुपये की सुपारी दी। मिर्जापुर व बनारस की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

By Amit AlokEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2015 07:06 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2015 07:16 PM (IST)
रिश्तों का कत्ल : बेटी-दामाद की हत्या की रची साजिश, गिरफ्तार

सिवान। रघुनाथपुर थाना क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने वाराणसी में रहने वाली अपनी बेटी व दामाद की हत्या की साजिश रची। इसके लिए उसने बनारस के आधा दर्जन बदमाशों को पांच लाख रुपये की सुपारी दी। इससे पहले कि अपराधी घटना को अंजाम देते, मिर्जापुर व बनारस की पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। इसके बाद आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया गया।

बेटी-दामाद की हत्या के लिए सुपारी देने वाला पिता रघुनाथपुर थाना क्षेत्र के डमनपुरा गांव निवासी कमलदेव सिंह है। वाराणसी के क्राइम ब्रांच व स्थानीय लंका थाने की पुलिस ने उसे सिवान में गिरफ्तार किया। सिवान की अदालत के आदेश पर उत्तर प्रदेश पुलिस उसे लेकर आज बनारस चली गई।

मिली जानकारी के अनुसार, कमलदेव सिंह की पुत्री आभा सिंह ने एक वर्ष पहले फुलवरिया गांव निवासी स्वर्गीय विश्वनाथ सिंह के पुत्र विजय कुंवर से शादी कर ली थी। विजय वाराणसी में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता हैै। कमलदेव सिंह वाराणसी जाने के दौरान अक्सर विजय के यहां रुकता था। कई बार वह जयपुर में पढऩे वाली अपनी बेटी आभा को लेकर भी वहां रुका। इस दौरान उसने विजय और आभा में नजदीकी बढऩे का अवसर दिया और बाद में आभा को ढाल बनाकर विजय से वसूली शुरू कर दी।

आभा से शादी करने का झांसा देकर कमलदेव सिंह ने उससे मोटी रकम भी वसूल ली। वह अक्सर विजय से रुपये मांगते रहता था। इधर विजय को जब पता चला कि कमलदेव सिंह अपनी बेटी आभा का इस्तेमाल उससे वसूली में कर रहा है, तब उसने और पैसे देने से इन्कार कर दिया। कमलदेव ने आभा को विजय से दूर करने की कोशिश की, लेकिन तबतक दोनों में नजदीकी इतनी बढ़ चुकी थी कि आभा की मर्जी से विजय ने उससे जयपुर कोर्ट में शादी कर ली।

बेटी को हाथ से निकलता देख कमलदेव सिंह ने नई चाल चली। विजय को दामाद मान लेने की बात कहकर लोक-लाज का हवाला देते हुए वह बेटी को गांव लेकर आ गया। यहां वह आभा की पिटाई करने लगा। वह उसपर विजय से रिश्ता तोड़ लेने का दबाव बनाने लगा।

प्रताडऩा से त्रस्त आभा ने एसपी विकास वर्मन से गुहार लगाई। तब महिला थानाध्यक्ष पूनम कुमारी व महिला आयोग की टीम के साथ मिलकर आभा को परिजनों के चंगुल से छुड़ाया गया। महिला आयोग के समक्ष दिए बयान में उसने पति के साथ रहने की बात कही तो उसे वाराणसी पहुंचा दिया गया।

पुलिस के मुताबिक इस बात से नाराज कमलदेव सिंह ने दामाद से एक करोड़ रुपये की मांग शुरू कर दी। करीब चार माह से वह लगातार बेटी-दामाद पर पैसे देने का दबाव बनाए हुए था। लोकलाज के डर से आभा व उसके पति विजय चुप रहे। अंतत: परेशानी बढ़ी तो आभा ने वाराणसी के लंका थाने में पिता के विरूद्ध एफआइआर दर्ज करा दी।

बार-बार मांग के बावजूद पैसे नहीं देने पर कमलदेव सिंह ने बनारस के अपराधियों से संपर्क कर पांच लाख रुपये में बेटी व दामाद की हत्या का सौदा किया। इसी बीच बनारस की क्राइम ब्रांच ने इसमें से पांच को हत्या की योजना बनाते गिरफ्तार कर लिया।

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