आरक्षण रोस्टर जारी न होने से बढ़ी बेचैनी

सिवान । कार्यक्रम घोषित होने के बावजूद पंचायत चुनाव का रोस्टर जारी न होने से गांवों में लोगों की

By Edited By: Publish:Thu, 25 Feb 2016 03:04 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2016 03:04 AM (IST)
आरक्षण रोस्टर जारी न 
होने से बढ़ी बेचैनी

सिवान । कार्यक्रम घोषित होने के बावजूद पंचायत चुनाव का रोस्टर जारी न होने से गांवों में लोगों की बेचैनी चरम पर है। जिले के सबसे बड़े प्रखंड बड़हरिया में पहले चरण में ही चुनाव की घोषणा हुई है। प्रखंड में 30 मुखिया व इतने ही सरपंच, 41 पंचायत समिति सदस्य, 405 वार्ड सदस्यों और 405 पंचों के साथ जिला परिषद् की चार सीटों पर चुनाव की तैयारी प्रशासन के साथ प्रत्याशियों द्वारा भी जोर-शोर से की जा रही है, लेकिन आरक्षण रोस्टर जारी न होने व रोस्टर जारी होने में देरी से पंचायत चुनाव के संबंध में जितनी मुंह उतनी बातें हो रही हैं। लोग अपने-अपने हिसाब से रोस्टर के विषय में गणित बना रहे हैं। वही सिटिंग प्रत्याशियों के सामने अपना वजूद बचाने की चुनौती है। मुखिया पद के दावेदार सर्वाधिक हैं। सरपंच व पंचायत समिति के पदों के लिए भी दावेदारों की कमी नहीं है। किसी- किसी पंचायत में तो पंचायत चुनाव में मुखिया पद को लेकर पोस्टर वार भी प्रारम्भ हो गया है। सामाजिक कार्यो से जिनका कभी सरोकार नहीं रहा वे अपने आपको कर्मठ सामाजिक कार्यकर्ता बता रहे हैं। सबकी निगाहें पंचायत चुनाव के आरक्षण रोस्टर पर टिकी हैं। हालांकि मन ही मन सब कोई अपने-अपने ढंग से तैयारी कर रहा है, लेकिन यह भी डर सता रहा है कि तैयारियों की बीच अगर आरक्षण रोस्टर आड़े आया तो सारे सपनों पर पानी फिर जाएगा। सूत्रों की मानें तो 30 सीटों के विरुद्ध अब तक सिर्फ मुखिया पद के लिए करीब 400 प्रत्याशी अपनी तैयारियों में जुटे हैं। वही जिला परिषद् के 4 सीटों के विरुद्ध अब तक 3 दर्जन से अधिक लोग तैयारी करने में जुटे हैं। कहीं-कहीं तो पंचायत समिति के उम्मीदवार प्रत्याशी बनाने व बनने के पहले ही प्रखंड प्रमुख की दावेदारी ठोंक रहे हैं। सबसे बुरा हाल वार्ड सदस्यों व पंच की सीट के लिए है, जहां किसी की दावेदारी प्रखर रूप से नहीं मिल रही है। ऐसा लगता है कि पिछले चुनाव की तरह येन केन प्रकारेण पदों को भरने की कवायद करनी पड़ेगी।

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