बस स्टैंड में सुविधा की कमी से यात्री हलकान, प्रशासन उदासीन

सीतामढ़ी। कहने को शहर में दो बस स्टैंड है। एक सरकारी और दूसरा निजी। लेकिन यात्री सुविधा के नाम पर दोनों ही बस स्टैंड फिसड्डी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 12:00 AM (IST) Updated:Mon, 14 Oct 2019 12:00 AM (IST)
बस स्टैंड में सुविधा की कमी से यात्री हलकान, प्रशासन उदासीन
बस स्टैंड में सुविधा की कमी से यात्री हलकान, प्रशासन उदासीन

सीतामढ़ी। कहने को शहर में दो बस स्टैंड है। एक सरकारी और दूसरा निजी। लेकिन, यात्री सुविधा के नाम पर दोनों ही बस स्टैंड फिसड्डी है। गंदगी के साथ ही अतिक्रमण व बेसाहारा पशुओं का आरामगाह बना हुआ है। कीचड़ के बीच ही यात्रियों को बसों पर चढ़ना-उतरना पड़ता है। सरकारी बस स्टैंड में हल्की बारिश होते ही जल जमाव हो जाता है। यात्री शेड पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। निगम की जर्जर बसें की सरकारी बसों की पहचान बन चुकी है। बावजूद रेलवे स्टेशन के समीप होने के कारण प्राय: सुदूर ग्रामीण इलाके के यात्री इसी से सफर करने मजबूर हैं। इधर, निजी बस स्टैंड में नगर परिषद द्वारा भवन बनाया गया है, लेकिन अब तक भवन का सही से संचालन नहीं किया गया। बस स्टैंड में स्वच्छ जल की व्यवस्था तो दूर चापाकल भी खराब पड़े हैं। दोनों ही बस स्टैंड अतिक्रमण की चपेट में है। इस कारण बस एवं यात्रियों के आवागमन परेशानी झेलनी पड़ती है। स्थानीय प्रशासन भी यहां की सुविधाओं की प्रति उदासीन है। हालांकि बस स्टैंड में पे एंड यूज शौचालय है लेकिन उसकी भी स्थिति जर्जर बनी हुई है। स्टैंड में पूर्व में बना सार्वजनिक शौचालय भी धराशाही हो चुका है, लेकिन अब तक उसकी सुध किसी ने नहीं ली है। इस संबंध में यात्री व संचालकों हुई बातचीत के अंश:

मदन पाल (यात्री): स्टैंड में सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है। शेड के साथ ही कीचड़ होकर बस तक जाना पड़ता है। यात्रा करनी है तो परेशानी तो झेलना ही पड़ेगी।

शैलभ कुमार (यात्री): सरकारी हो अथवा निजी बस स्टैंड यात्री सुविधा के नाम पर खाली है। इसके साथ ही बस स्टैंड में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। यात्री सदैव ही दबाव में रहते हैं।

प्रवीण कुमार (बस संचालक) : बस संचालन में परेशानी रहती है। वर्तमान में खर्च और पूंजी के अनुसार आमदनी नहीं हो पा रही है। इधर प्रशासनिक कार्य प्रणाली से भी संचालक परेशान रहते हैं।

विमलेंदु झा (बस संचालक) : बस संचालक को यात्री, कर्मी व अधिकारी तीनों के साथ ही रास्ते के विभिन्न जगहों पर परेशानी होती रहती है। इस कारण बस संचालन में परेशानी होती है।

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