मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसा हालात, सुरसंड का जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग

सीतामढ़ी। सीतामढ़ी जिले में नदियां एक बार फिर बौरा गई हैं। कई जगह पर नदियां लाल निशान को पार कर चुकी हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 Aug 2021 11:26 PM (IST) Updated:Tue, 17 Aug 2021 11:26 PM (IST)
मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसा हालात, सुरसंड का जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग
मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसा हालात, सुरसंड का जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग

सीतामढ़ी। सीतामढ़ी जिले में नदियां एक बार फिर बौरा गई हैं। कई जगह पर नदियां लाल निशान को पार कर चुकी हैं। सुरसंड में अधवारा नदी के जलस्तर में वृद्धि से सुरसंड-सीतामढ़ी के बीच एनएच-104 पर कुम्मा में दो डायवर्सन पर दो से तीन फीट पानी का बहाव हो रहा है। गोबरहिया लचका में दो से तीन फीट पानी का तेज बहाव जारी है। जिस कारण सुरसंड प्रखंड मुख्यालय से जिला व अनुमंडल मुख्यालय का सड़क संपर्क पूरी तरह से भंग है। बागमती नदी डुबाघाट व कटौझा में लाल निशान को पार है। वहीं यह नदी ढेंग सोनाखान, चंदौली में लाल निशान से अब थोड़ा नीचे खिसकी है। सोनबरसा में झीम नदी भी अपने उफान पर है। अधवारा समूह की नदी सुंदरपुर व पुपरी में लाल निशान के पार बह रही है। लालबकेया नदी भी गुआबाड़ी में लाल निशान से थोड़े ही नीचे है। पिछले चौबीस घंटे में रुन्नीसैदपुर में सर्वाधिक 64.4 मिमी वर्षापात रिकॉर्ड की गई है तो सबसे कम बोखड़ा में। मंगलवार को वास्तविक वर्षापात की बात करें तो 26.4 तथा नॉर्मल 5.6 मिमि वर्षा रिकॉर्ड की गई। इस प्रकार, जिले के चोरौत, बथनाहा, परिहार, सोनबरसा, बाजपट्टी, डुमरा में जलजमाव से काफी परेशानी है। शहर के बसवरिया कमला गार्डन इलाके में भारी जलजमाव से जूझ रहे लोगों में काफी आक्रोश है। यहां लालबाबू मिश्रा, आलोक मिश्रा, अशोक ठाकुर, अनिल सिंह ने कहा कि दो माह से जलजमाव कायम है। प्रशासन सुनवाई नहीं कर रहा। लालबाबू मिश्रा की पौत्री कोमल स्मृति का कहना है कि स्कूल-कॉलेज अब खुल गए हैं, मगर जलजमाव से होकर घर से कोई कैसे निकले यह बड़ी चिता का सबब बना हुआ है। सुरसंड प्रखंड के कई इलाके इन दिनों टापू में तब्दील, जनजीवन बेहाल

लगातार पांच दिनों से हो रही वर्षा व नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र से पानी छोड़े जाने के चलते सुरसंड प्रखंड मुख्यालय से जिला व अनुमंडल मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग है। लोगो को काफी परेशानी हो रही है। 15 किलोमीटर लंबी दूरी तय कर जिला व अनुमंडल मुख्यालय जाना पड़ रहा है। यातायात ठप रहने के कारण खाद्य पदार्थों की किल्लत के कारण बाजार में सब्जी सहित किराना सामग्री की कीमतें आसमान छू रही हैं। प्रखंड क्षेत्र इन दिनों टापू में तब्दील हो चुका है। गत दिनों पुपरी एसडीओ नवीन कुमार कुम्मा डायवर्सन पर पहुंचकर एनएच इंजीनियर को निर्देश दिया था की जल्द से जल्द डायावर्सन को ह्यूमपाइप देकर ऊंचा करें और डायवर्सन की मरम्मति कराकर आवागमन बहाल कराएं। मगर, ऐसा हो नहीं पाया।

यहां ट्रैक्टर कराता नैया पार, 50 रुपये देना पड़ता भाड़ा

आम लोग ट्रैक्टर के जरिये आर-पार हो रहे हैं। 50 रुपये से 100 रुपये आर-पार कराने के एवज में भुगतान कर रहे हैं। बड़े व मालवाहक वाहन 15 किलोमीटर की परिक्रमा करके आ जा रहे हैं। बस भाड़ा भी यात्री को अधिक देना पड़ रहा है। समाज सेवी पप्पू यादव, विदेशी यादव, राघवेंद्र कुमार राय, जितेन्द्र यादव, राकेश यादव, मकसूद, साकिर कुमार, राजू कुमार आदि का कहना है कि डायवर्सन की मरम्मत अविलंब कराई जाए तथा इसपर पुल का निर्माण होना चाहिए। जलजमाव से जूझ रहे हरारी दुलारपुर गांव आकर देखिए पानी से तबाही

सुरसंड प्रखंड की बनौली पंचयात का हरारी दुलारपुर गांव चारों तरफ से पानी से घिरा

स्थानीय लोगों का कहना है कि अफसर सुनवाई नहीं कर रहे। लिहाजा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिकायत की गई है। स्थानीय युवक केशव कुमार ने दैनिक जागरण को बताया कि

सुरसंड प्रखंड अंतर्गत बनौली पंचयात का हरारी दुलारपुर गांव पानी से घिरा हुआ है। जलजमाव भीषण समस्या बन गई है। एनएच 104 से सटा हुआ है यह इलाका। एनएच पर एक पुलिया था जिससे कई गांवों का पानी निकलता था। पिछले वर्ष उस पुलिया को लोगों ने जाम कर दिया। जिससे अब पानी नहीं निकल पा रहा। इस वजह से 400 से 500 एकड़ भूमि जलजमाव की गिरफ्त में है। खेती चौपट हो गई है। सैकड़ों आम के पेड़ सूख गए हैं। बीडीओ-सीओ से लेकर एसडीओ, डीएम तक से फरियाद लगाई गई। मगर कहीं सुनवाई नहीं हो पाई।

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