35 जिलों के 1631 प्रवासी दो ट्रेनों से उतरे, सीतामढ़ी के सिर्फ 186

सीतामढ़ी। प्रवासियों के लौटने का सिलसिला लगातार जारी है। सोमवार को दो ट्रेनों से प्रवासी लौटे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 May 2020 01:02 AM (IST) Updated:Tue, 19 May 2020 06:08 AM (IST)
35 जिलों के 1631 प्रवासी दो ट्रेनों से उतरे, सीतामढ़ी के सिर्फ 186
35 जिलों के 1631 प्रवासी दो ट्रेनों से उतरे, सीतामढ़ी के सिर्फ 186

सीतामढ़ी। प्रवासियों के लौटने का सिलसिला लगातार जारी है। सोमवार को दो ट्रेनों से प्रवासी लौटे। मंगलवार को भी एक ट्रेन लुधियाना से आने वाली है। अभी तक 11 ट्रेनें विभिन्न प्रदेशों से श्रमिकों को लेकर आ चुकी है। 6 मई से अभी तक 12267 प्रवासी लौट चुके हैं। आज दो ट्रेनों से 1631 प्रवासी लौटे। श्रमिक स्पेशल 04014 नंबर की ट्रेन गुड़गांव-मधुबनी स्पेशल ट्रेन से प्रवासियों का जत्था सीतामढ़ी आया। इससे हालांकि सिर्फ 31 लोग ही उतरे। जिनमें 21 सीतामढ़ी के और 10 लोग शिवहर के थे। इसके बाद गाड़ी मधुबनी निकल गई। वहीं तेलंगना के लिगमपल्ली रेलवे स्टेशन से चली ट्रेन 07049 से 1600 प्रवासी पहुंचे। यह ट्रेन अपने निर्धारित समय सुबह 10 बजे ही आनी थी। मगर, 12 घंटे से अधिक विलंब हुई। सीतामढ़ी समेत 34 जिलों के प्रवासी सीतामढ़ी उतरे। 6 मई के बाद दूसरी बार दो ट्रेनें एक दिन सीतामढ़ी आई हैं। ट्रेन के इंतजार में पूरे दिन जिला प्रशासन व रेल प्रशासन के अधिकारी स्टेशन पर राह ताकते रहे। प्रवासियों को भोजन के पैकेट व बोतल बंद पानी दिया गया। प्रवासियों को सुरक्षित ट्रेन से उतारकर मास्क पहनाया गया। उनसे शारीरिक दूरी का पालन करने को कहा गया। सबकी थर्मल स्क्रीनिग कराई गई, उनके लगेज को सैनिटाइज किया गया। स्टेशन पर अपने आवभगत से सभी अभिभूत थे। ट्रेन आने के पूर्व पूरे स्टेशन परिसर को सैनिटाइज किया गया। 14 बसों से उन्हें उनके संबंधित क्वारंटाइन सेंटरों के लिए पुलिस सुरक्षा में रवाना किया गया। जैसे ही ट्रेन एक नंबर प्लेटफार्म पर पहुंची राजकीय रेल पुलिस के इंस्पेक्टर मनोज कुमार श्रीवास्तव, थानाध्यक्ष राजकुमार राम व रेलवे सुरक्षा बल के निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार, उप निरीक्षक पीके झा सुरक्षा बलों के साथ ट्रेन को अपनी अभिरक्षा में ले लिया। रेल एसपी अशोक कुमार खुद भी इस मौके पर मौजूद थे। जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम सदर आइएएस कुमार गौरव, एसडीएम रोचना माद्री तो रेलवे से स्टेशन अधीक्षक मदन प्रसाद भी मौजूद थे। वही राजकीय रेल पुलिस की महिला टीम लीडर एएसआइ मंजू कुमारी, हवलदार पवन देवी, आरक्षी पूनम कुमारी, रेखा रानी, अस्मिता कुमारी, प्रतिमा कुमारी व मिता कुमारी के साथ स्टेशन पर कोरोना योद्धा की तरह डटी रहीं। 34 अन्य जिलों के 1445 लोग भी यहीं उतरे लिगपल्ली श्रमिक स्पेशल ट्रेन से अन्य 34 जिलों के 1445 लोग भी यहीं उतरे। इनमें अररिया के चार, औरंगाबाद के 11, अरवल के 20, भागलपुर के 47, वैशाली के 23, बंका के 34, बलिया के दो, दरभंगा के 167, बक्सर के 17, पश्चिमी चंपारण के 105, पूर्वी चंपारण के 98, गोपालगंज के 72, मधुबनी के 173, मुजफ्फरपुर के 331, सिवान के 27, समस्तीपुर के 29, नालंदा के 11, नवादा के 22, पटना के 26, पूर्णिया के 24, रोहतास के 18, सहरसा के 16, सारण के 21, शिवहर के सात, मधेपुरा, कटिहार व जहानाबाद के चार-चार, गया के 22, , जमुई के पांच, कैमूर के 33, खगड़िया के नौ, किशनगंज के 22, लखीसराय के चार व भोजपुर के 33 यात्री थे। 15 प्रखंडों के 155 लोग आए

सीतामढ़ी जिले के 15 विभिन्न प्रखंडों के कुल 155 लाग आए हैं। इनमें मेजरगंज के 4, सुप्पी के नौ, रीगा के 10, डुमरा के सात, बोखड़ा व रुन्नीसैदपुर के छह-छह, परिहार के 21, सोनबरसा व पुपरी के 16-16, बथनाहा के 13, परसौनी व बाजपट्टी के सात-सात, नानपुर के 11, सुरसंड 12, बेलसंड के 10 लोग आए।

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