निजी विद्यालयों में री-एडमिशन पर रोक

जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी : निजी विद्यालयों द्वारा री-एडमिशन के नाम पर अभिभावकों से की जा रही मनमाना

By Edited By: Publish:Sun, 19 Apr 2015 01:02 AM (IST) Updated:Sun, 19 Apr 2015 01:02 AM (IST)
निजी विद्यालयों में री-एडमिशन पर रोक

जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी : निजी विद्यालयों द्वारा री-एडमिशन के नाम पर अभिभावकों से की जा रही मनमाना वसूली पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है। वही नए सत्र 2015-16 में किसी भी प्रकार के फी बढ़ोतरी नही किए जाने का निर्देश दिया गया है। डीएम के निर्देश पर शनिवार को शिक्षा पदाधिकारी, निजी विद्यालय संचालकों व नागरिक मंच के प्रतिनिधियों की आपात बैठक मुख्यालय डुमरा स्थित एमपी हाई स्कूल के सभागार में हुई। डीपीओ प्रेमचंद्र की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान निजी विद्यालय के संचालकों ने अपना अपना पक्ष रखा। नागरिक मंच व निजी विद्यालय संचालकों का पक्ष सुनने के बाद सर्वसम्मति से कई निर्णय लिए गए। इसके तहत नए सत्र 2015-16 में अभिभावकों से किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी की गई फी की राशि नही ली जाएगी। गत सत्र 2014-15 के प्रोस्पेक्टस के आधार पर ही अभिभावकों से राशि प्राप्त की जाएगी। निजी विद्यालयों द्वारा री-एडमिशन के नाम पर अभिभावकों से प्राप्त राशि को वापस लौटानी होगी। किसी भी प्रकार के फी बढ़ोतरी करने से पूर्व अभिभावकों की बैठक बुलाई जाएगी। बैठक में लिए गए निर्णय के आधार पर ही फी में बढ़ोतरी मान्य होगी। बशर्ते इससे शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन को अवगत कराना होगा। निर्धारित की फी की राशि के आलोक में बच्चों व अभिभावकों को सुविधा उपलब्ध करानी होगी। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बरते जाने पर संबंधित निजी विद्यालय के संचालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। 15 दिन स्कूल बंद होने की स्थिति में बस भाड़ा अथवा अन्य शुल्क में कटौती करनी होगी। अभिभावकों को विद्यालय से ही किताब व पोशाक खरीदने की बाध्यता नही होगी। प्रसिद्धि प्राप्त विद्यालय डीपीएस, हेलेंस, सरस्वती विद्या मंदिर, आर्या प्रिपेटरी, सेक्रेट हर्ट, डीएवी आदि स्कूलों की जांच डीएम के प्रतिनिधियों द्वारा की जाएगी। जांच प्रतिवेदन के आधार पर फी बढ़ोतरी की राशि मान्य होगी। निजी विद्यालयों में कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए रिमेडियल क्लास आदि की सुविधा उपलब्ध करानी होगी। इसमें कोताही बरते जाने पर संबंधित विद्यालय के संचालक के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज कराई जाएगी। बताया गया कि जिले में 357 निजी विद्यालय संचालित है। जिसमें 173 निजी विद्यालयों को प्रस्वीकृति मिली है। शेष विद्यालयों को बंद करने की कार्रवाई की जाएगी।

chat bot
आपका साथी