अब जैविक ब्रोकली की खेती में जुटे किसान

बिहारशरीफ। धान गेहूं जैसे परंपरागत खेती के साथ कृषि क्षेत्र में युवाओं व ऊर्जावान किसानों

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 12:05 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 12:05 AM (IST)
अब जैविक ब्रोकली की खेती में जुटे किसान
अब जैविक ब्रोकली की खेती में जुटे किसान

बिहारशरीफ। धान गेहूं जैसे परंपरागत खेती के साथ कृषि क्षेत्र में युवाओं व ऊर्जावान किसानों की भागदारी से कृषि क्षेत्र में काफी बदलाव देखा जा रहा है। इलाके भर में व्यवसाय की दृष्टि से नई फसल लगाने के प्रयोग किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए वायदों में किसानों की आमदनी दुगनी होने की बात अब जमीनी स्तर पर दिखने लगी है।

जिसे लेकर कई तरह की एजेंसियां किसानों को हर मुमकिन सुविधा उपलब्ध करा रही है। तेउस पंचायत के युवा एवं विकासशील किसान शशि कुमार, सतीश कुमार, सुनील कुमार व विनोद कुमार जैसे दो दर्जन से अधिक किसानों ने ब्रोकली की खेती की शुरुआत की है। तेउस के युवा किसान शशि एवं काशीबीघा के प्रगतिशील किसान विनोद कुमार ने बताया कि एक कट्ठा खेत में ब्रोकली के 120-140 की संख्या में पौधे लगाए गए है। 45 से 55 दिनों में तैयार ब्रोकली से प्रति बीघा पचास हजार की आमदनी होगी। बताया कि ये पूरी तरह से जैविक है। मेथी के पानी से इसका स्प्रे कर इसे उपजाया जा रहा है। यह फसल सितंबर माह के अंत एवं अक्टूबर मास के शुरुआती दिनों में लगा है। ब्रोकली के तैयार होने पर बाजार में इसके प्रति पीस 25 से 30 रुपये की दर से थोक विक्रेता ले लेते हैं।

स्थानीय बाजार में भी इसकी अच्छी खासी मांग देखी जा रही है। बता दें कि ब्रोकली को जंगली फूलगोभी के नाम से भी जाना जाता है। यह फेज दो के मधुमेह के मरीजों के लिए रामबाण की तरह उपयोग में लाया जाता है। कौशल्या फाउंडेशन एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा किसानों को इसके लिए प्रशिक्षित किया गया है। डॉ. विकास दास, अविनाश, रविद्र कुमार रवि व वेद प्रकाश की देखरेख में किसान जैविक ब्रोकली की खेती शुरू की है।

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