केले की फसल पर संकट देख किसान चिंतित

कहते हैं कि विपत्ति अकेले नहीं आती.. दुनिया के तमाम लोग कोरोना से खौफजदा हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 06:12 PM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 06:12 PM (IST)
केले की फसल पर संकट देख किसान चिंतित
केले की फसल पर संकट देख किसान चिंतित

शिवहर। कहते हैं कि विपत्ति अकेले नहीं आती.. दुनिया के तमाम लोग कोरोना से खौफजदा हैं। अपना देश भारत भी इस दंश को झेल रहा। वहीं मौसम की बिगड़ी चाल ने किसानों को कहीं का नहीं छोड़ा है। पहले अतिवृष्टि फिर ओलावृष्टि और आंधी ने किसानों के सारे सपने तोड़ दिए। गेहूं की फसल तबाह हुई। मक्का ओर मूंग भी बर्बाद हुए आम की फसल भी करीब आधी हो गई है। आम के पेड़ों पर जालीनुमा एक रोग पकड़ने से पेड़ सूख रहे। अब एक नई बीमारी केले की फसल में दिख रही। उसके फल का उपरी हिस्सा न मालूम किन कारणों से सूख रहा। बाद में उसके सारे फल इस अनजान बीमारी से ग्रसित हो रहे नतीजतन बड़ी संख्या में किसान इससे प्रभावित हैं। मालूम हो कि बागमती दियारा क्षेत्र में अपने यहां भी बड़े पैमाने पर केले की खेती की जा रही। बागमती पुरानी धार के दोनों किनारों पर मीलों दूर तक केला की बागवानी लगाई गई है। इस बीमारी से केला उत्पादक किसान खासे परेशान हैं उनकी आमदनी का आखिरी जरिया भी सुरक्षित नहीं है। इस बाबत जिला कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एसके राय ने बताया कि उक्त बीमारी को शिगर एंड राट कहते जो एक बड़ी समस्या बन कर उभर रही है। इससे प्रभावित फलियों के ऊपरी हिस्सा टूट जाता है। ऐसा लगता है जैसे किसी पशु या पक्षी ने काट कर खा लिया है। हाथ से छूने पर पाउडर जैसा झड़ता है। डॉ. राय ने बताया कि यह एक फंगसजनित रोग है जिससे एक- एक कर केले की फसल तबाह हो सकती है वहीं गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। जिसका खामियाजा संबंधित किसान को भुगतना होता है। उक्त समस्या के समाधान के लिए फाईटोलान 0.25 प्रतिशत एवं कोई स्टिकर (यूरिया या साबुन का घोल) 0.5 प्रतिशत मिलाकर छिड़काव लक्षण दिखने के साथ ही कर दें। एक सप्ताह बाद फिर से दोहराएं तो केले को इस रोग से बचाया जा सकता है।

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