अस्पताल में घंटो तक तड़पता रहा मरीज, इलाज के अभाव में हुई मौत

बिहार के सारण में अस्पताल परिसर में एक मरीज करीब तीन घंटों तक तड़पता रहा, आखिरकार इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई।

By Ravi RanjanEdited By: Publish:Thu, 29 Jun 2017 05:02 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jun 2017 09:33 PM (IST)
अस्पताल में घंटो तक तड़पता रहा मरीज, इलाज के अभाव में हुई मौत
अस्पताल में घंटो तक तड़पता रहा मरीज, इलाज के अभाव में हुई मौत

सारण [जेएनएन]। बिहार के सारण जिले में एक बार फिर से बदहाल स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था की तस्‍वीर देखने को मिली। जिले के इसोपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों के गायब रहने का खामियाजा सढ़वारा के एक गरीब मरीज को भुगतना पड़ा है। वह लगातार तीन घंटों तक अस्‍पताल परिसर में तड़पता रहा और आखिरकार इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई।

तीन घंटे तक इंतजार के बाद भी इलाज नहीं होने से सढ़वारा के चांद मोहम्मद की मौत हो गई। इस दौरान अस्पताल में न तो चिकित्सक मिले और न ही एंबुलेंस। चिकित्सक की गैरहाजिरी एवं एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने से मरीज की हुई मौत की यहां चर्चा का विषय बन गया है।

हद तो तब हो गई जब मरीज की मौत के बाद वहां पहुंचे  इसुआपुर थानाध्यक्ष ने कार्रवाई करने के बजाए पोस्टमार्टम कराने का भय दिखा कर कानूनी कार्रवाई करने से मना कर दिया। इससे लोगो में आक्रोश बढ़ा है।अस्पताल परिसर में इलाज के अभाव में तड़प तड़प कर हुई चांद मोहम्मद की मौत के बाद उसके घर मे मची चीख पुकार से मातम छा गया है। 

बताया जाता है कि एक सप्ताह पहले चांद मोहम्मद को लकवा का अटैक हुआ था। बुधवार की देर शाम जब अचानक तबियत खराब हुई तो परिजनों ने इलाज के लिए उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इसुआपुर पहुंचाया। अस्पताल में लगभग तीन घंटे तक रहने के बाद भी चिकित्सक नही आए। जिसके बाद इलाज के अभाव में चांद की मौत हो गई।

परिजनों ने जब अस्पताल के कर्मियों से रेफर करने का आग्रह किया तो अस्पताल के एंबुलेंस के एक पखवाड़े से खराब होने की जानकारी दी गई। चिकित्सक के नही रहने से रेफर करने में असमर्थता जताते हुए उनके जल्द आने को ले आश्वासन तब तक देते रहे। तब तक चांद की मौत हो गई। 

इसके बाद पहुंची स्थानीय पुलिस ने परिजनों को डरा धमका कर मामला शांत करा दिया। सूत्रों ने बताया कि घटना के वक्त प्रभारी चिकित्सा डॉ. विजय किशोर छपरा में थे। वहीं आन ड्यूटी चिकित्सक डॉ. धनंजय किसी तिलक समारोह में शामिल होने के लिए चले गए थे।

ऐसा नही है कि इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को नहीं दी गई थी। बल्कि स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि विजय कुमार यादव ने चिकित्सा प्रभारी और सिविल सर्जन से भी अस्पताल में चिकित्सक नही होने की सूचना दी। परंतु तीन घंटे तक चिकित्सक नहीं पहुंच पाए। 

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कोट 

चिकित्सा प्रभारी विजय किशोर ने बताया कि पीएचसी में कुल पांच चिकित्सक पदस्थापित हैं। बुधवार की रात में डॉ. धनंजय की ड्यूटी थी। वे ड्यूटी पर क्यों नहीं थे, इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी। इलाज के अभाव में मरीज की  मौत काफी दुखद बात हैं।

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