अवैध नर्सिंग होम व पैथोलॉजी को बंद करा प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश

छपरा। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेशों का अनुपालन सोनपुर तथा दिघवारा प्रखंडों को छोड़कर शेष अन्य प्रखंडों में शनिवार की शाम तक नहीं हो सका। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश के आलोक में सिविल सर्जन डॉ ललित मोहन प्रसाद ने 19 मार्च 2019 को आदेश दिया था कि अवैध ढंग से चल रहे नर्सिंग होम तथा पैथोलॉजी को पुलिस के सहयोग से बंद कराकर शीघ्र जांच रिपोर्ट समर्पित करें लेकिन सोनपुर को छोड़कर किसी अन्य प्रखंड द्वारा इसका अनुपालन नहीं किया गया जिसके बाद सिविल सर्जन ने शनिवार को निर्देश जारी किया जिसमें कहा गया है कि शनिवार की शाम 500 बजे तक सभी अवैध नर्सिंग होम तथा पैथोलॉजी को पुलिस के सहयोग से बंद करा कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं लेकिन दिघवारा को छोड़कर शेष अन्य प्रखंडों के द्वारा आदेशों का अनुपालन नहीं किया गया है ।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Apr 2019 07:14 PM (IST) Updated:Sun, 07 Apr 2019 06:35 AM (IST)
अवैध नर्सिंग होम व पैथोलॉजी को बंद करा प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश
अवैध नर्सिंग होम व पैथोलॉजी को बंद करा प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश

छपरा। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेशों का अनुपालन सोनपुर तथा दिघवारा प्रखंडों को छोड़कर शेष अन्य प्रखंडों में शनिवार की शाम तक नहीं हो सका। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश के आलोक में सिविल सर्जन डॉ ललित मोहन प्रसाद ने 19 मार्च 2019 को आदेश दिया था कि अवैध ढंग से चल रहे नर्सिंग होम तथा पैथोलॉजी को पुलिस के सहयोग से बंद कराकर शीघ्र जांच रिपोर्ट समर्पित करें, लेकिन सोनपुर को छोड़कर किसी अन्य प्रखंड द्वारा इसका अनुपालन नहीं किया गया, जिसके बाद सिविल सर्जन ने शनिवार को निर्देश जारी किया, जिसमें कहा गया है कि शनिवार की शाम 5:00 बजे तक सभी अवैध नर्सिंग होम तथा पैथोलॉजी को पुलिस के सहयोग से बंद करा कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं, लेकिन दिघवारा को छोड़कर शेष अन्य प्रखंडों के द्वारा आदेशों का अनुपालन नहीं किया गया है । इस संबंध में पूछे जाने पर सिविल सर्जन ने बताया कि सोनपुर तथा दिघवारा प्रखंडों में अवैध नर्सिंग होम तथा पैथोलॉजी को बंद कराया जा चुका है। अन्य प्रखंडों द्वारा आज शाम 5:00 बजे तक ही आदेश का अनुपालन करना था, लेकिन 18 प्रखंडों के द्वारा इसका अनुपालन नहीं किया गया है। यहां तक कि छपरा सदर अस्पताल के द्वारा भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सिविल सर्जन ने बताया कि कार्रवाई नहीं करने वाले प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण पूछा जाएगा । बताते चलें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश के आलोक में सारण जिले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का पालन नहीं करने वाले पैथोलॉजी तथा नर्सिंग होम को बंद कराने का निर्देश सरकार के द्वारा दिया गया है। लंबे समय से इस मामले में कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अब तक नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों का अनुपालन सारण जिले में सुनिश्चित नहीं हो सका है। जिले में करीब एक सौ से अधिक नर्सिंग होम तथा पैथोलॉजी कार्रवाई के दायरे में है।

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