होमियोपैथिक के जन्मदाता हैनिमैन की मनी 263 वीं जयंती

ऑर्गेनाइजेशन फॉर होमियो मिशन के बैनर तले रविवार को स्थानीय रामकृष्ण मिशन आश्रम में होमियोपैथी के प्रणायक महात्मा हैनिमैन की 263 वीं जयंती समारोह का भव्य आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 22 Apr 2018 10:54 PM (IST) Updated:Sun, 22 Apr 2018 10:54 PM (IST)
होमियोपैथिक के जन्मदाता हैनिमैन की मनी 263 वीं जयंती
होमियोपैथिक के जन्मदाता हैनिमैन की मनी 263 वीं जयंती

छपरा : ऑर्गेनाइजेशन फॉर होमियो मिशन के बैनर तले रविवार को स्थानीय रामकृष्ण मिशन आश्रम में होमियोपैथी के प्रणायक महात्मा हैनिमैन की 263 वीं जयंती समारोह का भव्य आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन पूर्व विधायक एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता तारकेश्वर ¨सह ने दीप प्रज्वलित कर तथा महात्मा हैनिमैन की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ा कर किया।

इस अवसर पर उन्होंने इस ऊर्जस्वी तथा दोषरहित चिकित्सा विधा की भारत जैसे विकासशील देश में महत्वपूर्ण उपादेयता के पहलुओं पर अपने विचार दिए और बिहार में इसके विकास के मार्ग में खड़ी बाधाओं को दूर करने के संघर्ष में कदम से कदम सहयोग करने का संकल्प दोहराया। उन्होंने चिकित्सा में होमियोपैथी का महत्वपूर्ण योगदान बताया। वहीं मुख्य अतिथि व ऑर्गेनाइजेशन फॉर होमियो मिशन के अध्यक्ष डॉ. केके ¨सह ने 10 अप्रैल 1755 और 02 जुलाई 1843 के बीच के कालखंड को चिकित्सा विज्ञान के इतिहास का स्वर्णिम काल करार दिया। उन्होंने हैनिमैन की संकल्प-यात्रा को मुकाम तक पहुंचाने के लिए इस संगठन से जुड़ कर 33 वर्षों से बंद पड़े बिहार राज्य होमियोपैथिक बोर्ड के चुनाव, लाइफ टाइम रजिस्ट्रेशन, रजिस्ट्रेशन-नवीनीकरण में धांधली, रजिस्टर्ड चिकित्सकों का जीवन बीमा कराने, दवाखानों की रौनक लौटाने आदि समस्याओं के समाधान में सहयोग का आह्वान किया। महासचिव डॉ. एसएन ¨सह ने हैनिमैन के सपनों को जमीन पर उतारने के लिए संगठन को सम्पूर्ण होमियोपैथिक समाज के हक में जवाबदेह बनाने, अन्य संगठनों से तालमेल कर विश्वव्यापी बनाने तथा इसकी आधारभूत संरचनाओं को तंदुरुस्त करने के लिए बराबर संघर्षशील रहने का संकल्प लिया। सहसचिव डॉ. विवेक कुमार ने इसकी नियामक संस्थाओं को हैनिमैनियन पद्धति के दायरे में लोकोन्मुखी करने, होमियोपैथिक कॉलेजों में विद्यार्थियों के शोषण-दोहन रोकने और शराबबंदी अध्यादेश के जरिए इस सस्ती पद्धति को महंगी बनाने के कुचक्र के खिलाफ जमीनी संघर्ष करने की घोषणा की। संबोधन करने वालों में सहसचिव डॉ. संजय कुमार, डॉ. मदन प्रसाद, डॉ. एसके बोस, डॉ. सुहैल अख्तर, डॉ. निशांत प्रभाकर, डॉ. एसपी चौधरी, डॉ. आरके दिवाकर, डॉ. आरके ¨सह, डॉ. रामाधार ठाकुर, डॉ. रूपेश तिवारी, डॉ. विनय कुमार, डॉ. आर पंडित, डॉ. आरएन पांडेय आदि शामिल थे। अध्यक्षता दिलीप महाराज तथा संचालन डॉ. सुजीत कुमार ने किया।

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