बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि से गांवों में फैला पानी

कल्याणपुर प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाली बागमती नदी खतरे के निशान से दो मीटर उपर बह रही है। हायाघाट में इसका जलस्तर 47.85 है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कनीय अभियंता ने बताया कि खतरे के निशान से दो मीटर उपर बहने के कारण तटबंध पर पानी का दबाव काफी बढ़ गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 30 Jul 2020 11:42 PM (IST) Updated:Thu, 30 Jul 2020 11:42 PM (IST)
बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि से गांवों में फैला पानी
बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि से गांवों में फैला पानी

समस्तीपुर । कल्याणपुर प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाली बागमती नदी खतरे के निशान से दो मीटर उपर बह रही है। हायाघाट में इसका जलस्तर 47.85 है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कनीय अभियंता ने बताया कि खतरे के निशान से दो मीटर उपर बहने के कारण तटबंध पर पानी का दबाव काफी बढ़ गया है। जलस्तर बढ़ने से नदी के पेट में बसे लोगों में अफरातफरी की स्थिति बनी हुई है। वहीं दिनरात हो रही भारी वर्षा से बाढ प्रभावित क्षेत्र की स्थिति और खराब होती जा रही है। बाढ के पानी से बचने के लिए लोग तटबंध पर अपना आशियाना बना रखा है। माल-मवेशी के साथ रह रहे हैं। पशुपालकों को पशुओं के चारा की समस्या होने लगी है। भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार ने बताया कि नामापुर बांध पर एक ट्रक भूसा का वितरण किया गया है। थानाध्यक्ष ब्रजकिशोर सिंह, चकमेहसी थानाध्यक्ष खुशबुद्दीन, प्रखंड विकास पदाधिकारी धर्मवीर कुमार प्रभाकर ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर बताया कि बाढ प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में नाव की व्यवस्था की जा रही है। वहीं पॉलिथीन का वितरण भी किया जा रहा है। अंचलाधिकारी अभय पद दास, सहायक अंचल अमीन ओम विकास यादव ने भी बाढ प्रभावित क्षेत्र के लोगों की सुविधा का जायजा लिया।

राम पारण गांव में सड़क पर बह रहा दो फीट पानी

बागमती नदी का पानी राम पारण गांव में प्रवेश कर गया है। साढ़े 400 फीट में ढेर से 2 फीट पानी सड़क पर बहने लगा है। यह पानी अब गांव में प्रवेश कर गया है। जगह-जगह रोड में गड्ढ़े रहने से रतनपुर, डरौरी, हजपुरवा आदि गांव के लोगों का पुलिस स्टेशन चकमेहसी जाना मुश्किल हो गया है। सौ से अधिक घरों में बागमती का पानी घुस चुका है। पानी की रफ्तार बढने लगा है। नदी के जलस्तर में वृद्धि की बात ग्रामीणों ने बताई। सड़क से ऊपर बहने वाली पानी अब लक्षरामपुर चौर की तरफ प्रवेश करने लगा है। कई गांव के लोग पानी के बहाव को देखकर घबरा रहे हैं। लोगों का कहना है कि जलस्तर इसी तरह बड़ता रहा तो लदौरा, जितवारिया, मधुरापुर, कल्याणपुर आदि भी प्रभावित हो सकता है।

नाव ही है एकमात्र आवागामन का सहारा

तीन पंचायतों को बाढ़ ने पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया है। इन पंचायतों के लोगों के आवागामन का साधन मात्र नाव रह गया है। लोग रोजमर्रा की जरूरत को पूरा करने के लिए नाव से ही आवागमन करते हैं। बताया जाता है कि पांच-पांच किलोमीटर की दूरी लोग नाव से ही पूरा कर रहे हैं। पूसा बाजार तक लोग नाव के सहारे ही पहुंचते हैं। युवा नेता धीरज कुमार, विजय ठाकुर, आदित्य कुमार, दिनेश पासवान, विशाल कुमार, अवधेश ठाकुर, अजय ठाकुर आदि ने बताया कि उनलोगो के इधर, कम्युनिटी किचेन नहीं चल रहा है।

बूढ़ी गंडक पर भी बढ गया है दबाव

प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाली बूढ़ी गंडक के जलस्तर में वृद्धि होने से तटबंध पर दबाव काफी बढ गया है। जगह-जगह रिसाव की भी सूचना है। सोमनाहा,बख्तियारपुर में रिसाव के कारण लोगों में अफरातफरी की स्थिति रही। सूचना पर पहुंचे बाढ नियंत्रण प्रमंडल के सहायक अभियंता आशीष कुमार, कनीय अभियंता एवं स्थानीय लोगों ने मिलकर रिसाव स्थल की मरम्मत की। जगह-जगह काफी संख्या में ग्रामीण भी सक्रियता से तटबंध की निगरानी कर रहे हैं। मटियारा के मुकेश ठाकुर, बख्तियारपुर के धर्मदेव मिश्रा, व्यापार मंडल के अध्यक्ष दीनदयाल झा,पंचायत समिति सदस्य मुकेश कुमार राय आदि काफी तत्पर दिखे।

कम्युनिटी किचेन का लिया जायजा

प्रखंड क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चलाए जा रहे हैं कम्युनिटी किचेन का जायजा प्रशासनिक पदाधिकारियों ने लिया। कलौजर पंचायत के फुलहट्टा गांव में कम्युनिटी किचेन नहीं संचालित किए जाने, पॉलिथीन का वितरण, मवेशी चारा की व्यवस्था आदि नहीं किए जाने को लेकर पैक्स अध्यक्ष अनीता देवी ने अंचलाधिकारी अभय पद दास से शिकायत की। सीओ ने बताया कि मुखिया शोभा देवी को पर्याप्त मात्रा में पॉलिथीन चार दिन पूर्व ही उपलब्ध करा दिया गया है। दूसरी ओर तीरा, नामापुर, खरसंड पश्चिमी, गोबरसीठा बांध पर, हनुमान मंदिर के समीप आदि स्थानों पर कम्युनिटी किचन चलाए जा रहे हैं। बीसीओ सुशील कुमार सिंह, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी राकेश रंजन, अंचल निरीक्षक सतनारायण पांडे, सोरमार में सुधीर महतो आदि ने जायजा लिया।

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