निविदा निष्पादन में विभागीय नियमों की हुई अनदेखी

रोसड़ा नगर पंचायत द्वारा निविदा निष्पादन में सरकारी नियमावली वौर संकल्प के उल्लंघन से सम्बन्धित दायर परिवाद की सुनवाई करते हुए लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बृज किशोर पाण्डेय ने निविदा निष्पादन में विभागीय नियमों की अनदेखी करार देते हुए संवेदक के चयन और भुगतान को भी नियम के वितरीत बताया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 08 Nov 2018 07:48 PM (IST) Updated:Thu, 08 Nov 2018 07:48 PM (IST)
निविदा निष्पादन में विभागीय नियमों की हुई अनदेखी
निविदा निष्पादन में विभागीय नियमों की हुई अनदेखी

समस्तीपुर । रोसड़ा नगर पंचायत द्वारा निविदा निष्पादन में सरकारी नियमावली वौर संकल्प के उल्लंघन से सम्बन्धित दायर परिवाद की सुनवाई करते हुए लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बृज किशोर पाण्डेय ने निविदा निष्पादन में विभागीय नियमों की अनदेखी करार देते हुए संवेदक के चयन और भुगतान को भी नियम के वितरीत बताया है। साथ ही नपं के कार्यपालक पदाधिकारी को नियमानुसार अग्रेतर कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है। बताते चलें कि पांचोपुर निवासी पूर्व वार्ड पार्षद रामदुलार शर्मा द्वारा नगर पंचायत द्वारा सफाई व्यवस्था के लिए किए गए निविदा निष्पादन में सरकार के अधिनियम, नियमावली व संकल्प का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन बताते हुए डोर-टू-डोर कूड़ा नहीं उठाने तथा कई प्रकार की अवहेलना का आरोप लगाया था। जिसमें मुख्य रूप से नपं के पत्रांक-1547/2018 के द्वारा आउट सोर्सिंग एनजीओ को जारी आदेष पत्र में सरकार के संकल्प संख्या 3580/2015 का उल्लंघन करार दिया था। परिवादी ने सशक्त स्थायी समिति द्वारा निविदा निष्पादन कर एकरारनामा की स्वीकृति प्रदान करने को विधि विरूद्ध करार दिया था। तीन वर्ष पूर्व तीन लाख 51 हजार में लिए गए साफ-सफाई के निविदा को इस वर्ष 06 लाख 40 हजार रूपया प्रति माह निर्धारित करने की जानकारी देते हुए नियमों का उल्लंघन बताया था। तत्पश्चात लगातार सुनवाई के दौरान पीजीआरओ द्वारा निविदा से संबंधित संचिका और कागजात की मांग नपं प्रशासन की गई और उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए संचिका, कार्रवाई पुस्तिका एवं सरकारी साक्ष्य का विस्तार से अवलोकन करने के पश्चात पीजीआरओ ने निविदा निष्पादन में विभागीय नियमों की अनदेखी करार दिया है। पीजीआरओ ने वित्तीय विड से संबंधित कार्यवाही पंजी, कार्यादेश एवं एकरारनामा में 06 लाख 40 हजार की राशि को मासिक या वार्षिक किसी भी प्रकार के शब्द का उल्लेख नहीं होने पर भी सवाल खड़ा किया है। कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा संबंधित एनजीओ जन कल्याण समिति को 06 लाख 87 हजार 361 तथा 08 लाख 88 हजार 810 रूपया का अलग-अलग भुगतान करने की भी जानकारी दी गई थी । अवलोकन एवं सुनवाई के पश्चात नियमों का उल्लंघन और अनदेखी करना करार देते हुए इस आशय की सूचना जिलाधिकारी को भी प्रतिवेदित करने का आदेश पारित किया है।

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