निर्गत लाइसेंस के बदले दूसरे की सहायता से होता है अल्ट्रासाउंड

समस्तीपुर। शहर के सोनवर्षा चौक स्थित महावीर मेमोरियल हॉस्पीटल अल्ट्रासाउंड में सुयोग्य चिकित्सक के पद पर कार्यरत डॉ. मेधा आहूजा विशेषज्ञ रेडियोलॉजिस्ट की मदद से मरीजों का अल्ट्रासाउंड करती है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Mar 2019 11:03 PM (IST) Updated:Sat, 16 Mar 2019 11:03 PM (IST)
निर्गत लाइसेंस के बदले दूसरे की सहायता से होता है अल्ट्रासाउंड
निर्गत लाइसेंस के बदले दूसरे की सहायता से होता है अल्ट्रासाउंड

समस्तीपुर। शहर के सोनवर्षा चौक स्थित महावीर मेमोरियल हॉस्पीटल अल्ट्रासाउंड में सुयोग्य चिकित्सक के पद पर कार्यरत डॉ. मेधा आहूजा विशेषज्ञ रेडियोलॉजिस्ट की मदद से मरीजों का अल्ट्रासाउंड करती है। जबकि, उक्त संस्थान में अल्ट्रासाउंड करने का लाइसेंस सिविल सर्जन स्तर से डॉ. मेधा को दिया गया है। बावजूद इसके नियम को ताक पर रखकर चिकित्सक द्वारा सिविल सर्जन से बिना अनुमति के ही रेडियोलॉजिस्ट की सहायता से अल्ट्रासाउंड किया जाता है। इसका खुलासा सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड संचालन का लाइसेंस निर्गत करने के लिए उनसे प्रमाण पत्र की मांग करने के दौरान हुआ। सिविल सर्जन डॉ. सियाराम मिश्रा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्पष्टीकरण किया है। इसमें स्पष्ट करने को कहा है कि क्यों नहीं पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट का उल्लंघन करने के आरोप में अल्ट्रासाउंड निबंधन को निलंबित करते हुए कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही पत्र प्राप्ति के तीन दिनों के अंदर प्रमाण पत्र समर्पित करने या स्पष्टीकरण देने को कहा है कि क्यों नहीं मनमानी एवं उच्चाधिकारी के आदेश की अवहेलना करने के आरोप में संविदा रद करने की भी कार्रवाई की जा सके। सीएस ने सदर अस्पताल में पदस्थापित चार महिला चिकित्सक से अल्ट्रासाउंड का लाइसेंस निर्गत करने के लिए प्रमाण पत्र की मांग की थी। मौखिक रूप से पूछने पर सभी ने प्रमाण पत्र देने से इंकार कर दिया था। जिसके बाद सभी से लिखित रूप से प्रमाण पत्र देने या स्पष्टीकरण सौंपने का निर्देश दिया गया था। इस बाबत तीन महिला चिकित्सक ने स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दिया। जबकि, एक महिला चिकित्सक ने जवाब समर्पित किया था। अपने ही जवाब में फंसी महिला चिकित्सक

सदर अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक के पद पर पदस्थापित डॉ. मेधा ने अल्ट्रासाउंड कार्य से मुक्त रखने को लेकर सिविल सर्जन को स्पष्टीकरण का जवाब दिया। महिला चिकित्सक ने सीएस को दिए रिपोर्ट में बताया कि वह अपने संस्थान में अल्ट्रासाउंड का काम विशेषज्ञ रेडियोलॉजिस्ट की सहायता से करती है। इसलिए उक्त कार्य में गलती होने की आशंका को लेकर उक्त कार्य से मुक्त रखा जाए। उनकी नियुक्ति सदर अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक के पद पर हुई थी। इसको लेकर पूर्व में ही उनसे पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट में निबंधन हेतु शैक्षणिक प्रमाण पत्र, शपथ पत्र एवं अन्य आवश्यक कागजात 24 घंटा के अंदर अस्पताल प्रबंधक को समर्पित करते हुए निबंधन हेतु संबंधित तैयार सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया गया है। ताकि निबंधन कर अल्ट्रासाउंड मशीन को अधिष्ठापित कर कार्य प्रारंभ किया जा सके। प्रमाण पत्र नहीं देने की स्थिति में क्यों नहीं उक्त कृत्य के लिए सरकार को संसूचित करने के लिए स्पष्टीकरण देने को कहा गया था।

बयान

सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सुविधा शुरू करने को लेकर महिला चिकित्सकों का पत्र लिखा गया था। इसमें से एक महिला चिकित्सक द्वारा जवाब में बताया गया कि उनके द्वारा रेडियोलॉजिस्ट की सहायता से अल्ट्रासाउंड का कार्य किया जाता है। ऐसे में सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कार्य से अलग रखा जाए। अल्ट्रासाउंड सेंटर में लाइसेंस निर्गत वाले चिकित्सक को ही कार्य करना है। इसको लेकर स्पष्टीकरण किया गया है। अल्ट्रासाउंड सेंटरों में छापेमारी कराई जाएगी। साथ ही पकड़े जाने की स्थिति में सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।

डॉ. सियाराम मिश्रा,

सिविल सर्जन, समस्तीपुर।

chat bot
आपका साथी