कार्य का प्रभार नहीं मिलने पर फार्मासिस्ट ने शुरू किया सत्याग्रह

सिविल सर्जन कार्यालय कक्ष के समक्ष सोमवार को सदर अस्पताल के वरीय फार्मासिस्ट शंभु प्रसाद सिंह ने सत्याग्रह शुरू किया। फार्मासिस्ट ने कक्ष के बाहर फार्मासिस्ट के कार्य से संबंधित अधिसूचना लागू करने अगड़ा-पिछड़ा दलित-महादलित की बात बंद करने के साथ ही सदर अस्पताल को भ्रष्टाचार से मुक्त करने की मांग को लेकर सिविल सर्जन से न्याय की मांग की। साथ ही अपने गले में सत्य कहना बगावत है तो समझो हम बागी है से संबंधित तख्ती भी लटका ली।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 04 Jan 2021 11:20 PM (IST) Updated:Mon, 04 Jan 2021 11:20 PM (IST)
कार्य का प्रभार नहीं मिलने पर फार्मासिस्ट ने शुरू किया सत्याग्रह
कार्य का प्रभार नहीं मिलने पर फार्मासिस्ट ने शुरू किया सत्याग्रह

समस्तीपुर । सिविल सर्जन कार्यालय कक्ष के समक्ष सोमवार को सदर अस्पताल के वरीय फार्मासिस्ट शंभु प्रसाद सिंह ने सत्याग्रह शुरू किया। फार्मासिस्ट ने कक्ष के बाहर फार्मासिस्ट के कार्य से संबंधित अधिसूचना लागू करने, अगड़ा-पिछड़ा, दलित-महादलित की बात बंद करने के साथ ही सदर अस्पताल को भ्रष्टाचार से मुक्त करने की मांग को लेकर सिविल सर्जन से न्याय की मांग की। साथ ही अपने गले में 'सत्य कहना बगावत है तो समझो हम बागी है' से संबंधित तख्ती भी लटका ली। सत्याग्रह को लेकर उक्त स्थल पर मजिस्ट्रेट व नगर थाना पुलिस भी तैनात रही। बताया कि विभागीय स्तर पर फार्मासिस्ट के पद पर कार्य लेने हेतु पत्र निर्गत किया गया था। बावजूद इसके उनसे कार्य नहीं लिया जा रहा था। इसकी सिविल सर्जन से लिखित शिकायत भी की थी। इस पर सिविल सर्जन डॉ. सत्येंद्र कुमार गुप्ता ने वरीय फार्मासिस्ट शंभु प्रसाद सिंह को इंजुरी, पोस्टमार्टम एवं मेडिको लीगल से संबंधित कार्य आवंटित करने का आदेश जारी किया था। साथ ही सदर अस्पताल में पदस्थापित लिपिक दिलीप कुमार सिंह को आदेश दिया था कि पोस्टमार्टम, इंजुरी व मेडिको लीगल से संबंधित कार्य का प्रभार शंभु प्रसाद सिंह को हस्तगत करा दिया जाए। निर्देश के आलोक में प्रभार नहीं मिलने पर उक्त कर्मी ने सत्याग्रह शुरू किया है। सिविल सर्जन ने उपाधीक्षक को निर्देश दिया कि उक्त कार्यों का प्रभार दिलाकर अनुपालन किया जाए। साथ ही कर्मी से सत्याग्रह कार्यक्रम स्थगित करने को कहा। उपाधीक्षक पर रिपोर्ट बदलने का आरोप

फार्मासिस्ट ने सिविल सर्जन से की गई शिकायत में बताया कि वह पूर्व में भी सदर अस्पताल में पदस्थापित थे। यहां से स्थानांतरण के बाद लिपिक को प्रभार सौंप दिया था। पुन: सदर अस्पताल में पदस्थापन के बाद से कार्य नहीं लिया जा रहा है। फार्मासिस्ट ने उपाधीक्षक पर आरोप लगाया कि पूर्व में एक अपहृता का एक्सरे बदलने के लिए कहा था। जिसे बदलने से इन्कार कर दिया था। साथ ही कहा कि अगर प्रभार दिलाने में किसी तरह की कठिनाई हो रही है तो अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिला दी जाए। दवा वितरण एवं भंडार का कार्य लेना नियमानुकूल

सिविल सर्जन ने वरीय फार्मासिस्ट को इंजुरी, पोस्टमार्टम एवं मेडिको लीगल से संबंधित कार्य का प्रभार सौंपने का आदेश सदर अस्पताल के उपाधीक्षक को दिया गया था। इस पर उपाधीक्षक डॉ. अमरेंद्र नारायण शाही ने नियम का हवाला देते हुए उक्त फार्मासिस्ट से दवा वितरण का कार्य लेने से संबंधित पत्राचार किया। इसमें बताया कि वरीय फार्मासिस्ट को औषधियों एवं चिकित्सा यंत्रों तथा भंडार का प्रबंधन औषधिक का आपूर्ति स्टॉक प्रबंधन व पूर्व पैकिग करना है। विभागीय नियम के मुताबिक प्रशिक्षित फार्मासिस्ट से ही दवा वितरण का कार्य लेना है। इसको लेकर उक्त कार्य करने को लेकर आदेश दिया गया। साथ ही सीएस को बताया कि वरीय फार्मासिस्ट होने की वजह से दवा वितरण एवं भंडार का कार्य लेना ही नियमानुकूल होगा।

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