लोक शिकायत निवारण के माध्यम से लोगों को मिल रही राहत

विद्युत विभाग की मनमानी से त्रस्त क्षेत्र के उपभोक्ताओं को अनुमंडल लोक शिकायत निवारण के माध्यम से राहत मिल रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 Dec 2018 07:55 PM (IST) Updated:Sun, 09 Dec 2018 07:55 PM (IST)
लोक शिकायत निवारण के माध्यम से लोगों को मिल रही राहत
लोक शिकायत निवारण के माध्यम से लोगों को मिल रही राहत

समस्तीपुर । विद्युत विभाग की मनमानी से त्रस्त क्षेत्र के उपभोक्ताओं को अनुमंडल लोक शिकायत निवारण के माध्यम से राहत मिल रही है। अनाप-शनाप विपत्र तथा अन्य कार्यों के लिए अब उपभोक्ताओं को विभागीय अधिकारियों का चक्कर काटने की आवश्यकता समाप्त हो गई है। रोसड़ा अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष प्रतिदिन दर्ज हो रहे मामलों में सर्वाधिक शिकायतें विद्युत विभाग से संबंधित ही दर्ज कराए जा रहे हैं। जिसमें मुख्य रूप से अत्यधिक विपत्र एवं मीटर नहीं लगाने तथा आवेदन के बावजूद कनेक्शन नहीं देने का मामला शामिल है। पीजीआरओ द्वारा भी लगातार सुनवाई करते हुए त्वरित निष्पादन के कारण आम उपभोक्ता भी राहत की सांस ले रहे हैं। शनिवार को विभाग से संबंधित चार मामलों की सुनवाई सम्पन्न हुई। चारों के परिवादी की शिकायतें भी दूर हुई। हसनपुर थाना क्षेत्र के मौजी निवासी उमाशंकर तांती द्वारा विभाग पर साठ हजार का गलत विपत्र निर्गत करने का आरोप लगाया गया था। सुनवाई के पश्चात उसे महज 3397 रुपये का भुगतान करना पड़ा और 56 हजार 773 रुपये गलत विपत्र का भुगतान नहीं करना पड़ा। साथ ही विभाग ने आनन-फानन में उक्त परिवादी का खराब मीटर भी बदल डाला। वहीं ¨सघिया थाना के शुम्भा ड्योढ़ी निवासी दिलीप पासवान की पत्नी ज्योति देवी ने भी विभाग पर 40 हजार का गलत विपत्र देने का आरोप लगाया गया था और सुनवाई के पश्चात उसके विपत्र में विभाग द्वारा 29 हजार 514 रूपया की कमी की गई। परिवादी को दस हजार 939 का ही भुगतान करना पड़ेगा। जबकि रोसड़ा थाना के खैरा मब्बी निवासी मो. तौकीर ने 45 हजार का गलत विपत्र देने का आरोप लगाया था। पीजीआरओ द्वारा सुनवाई के पश्चात विभागीय अभियंता ने विपत्र में 32 हजार 673 रूपया की कमी कर 12 हजार 388 की राशि का उचित विपत्र बताया। उक्त परिवादी का भी खराब मीटर विभाग द्वारा बदल दिया गया है। वहीं दूसरी ओर परिवादी भोला झा द्वारा आवेदन के बावजूद विद्युत विभाग द्वारा कनेक्शन नहीं देने का परिवाद पत्र दायर किया गया था। उक्त परिवाद की सुनवाई के पश्चात विभागीय अभियंता ने परिवादी को विद्युत कनेक्शन देने से संबंधित कार्रवाई प्रतिवेदन पीजीआरओ के समक्ष समर्पित किया। सुनवाई में राहत मिलने के पश्चात चारों उपभोक्ताओं ने विभागीय पदाधिकारी पर मनमानी का आरोप लगाते हुए लोक शिकायत निवारण के माध्यम से बड़ी राहत मिलने की बात कही। साथ ही विद्युत विभाग से सही विपत्र निर्गत करने की मांग करते हुए कहा कि यदि विपत्र सही हो तो लोगों को परिवाद दर्ज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

chat bot
आपका साथी