बूढ़ी गंडक में चार लड़कियां डूबीं, तीन की मौत

रोसड़ा थाना के रहुआ गांव में नहाने के क्रम में चार लड़कियां बूढ़ी गंडक में डूब गई। अथक प्रयास कर ग्रामीणों ने चारों को बाहर निकाला। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। इसमें से तीन लड़कियों की मौत हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 01:50 AM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 01:50 AM (IST)
बूढ़ी गंडक में चार लड़कियां डूबीं, तीन की मौत
बूढ़ी गंडक में चार लड़कियां डूबीं, तीन की मौत

समस्तीपुर । रोसड़ा थाना के रहुआ गांव में नहाने के क्रम में चार लड़कियां बूढ़ी गंडक में डूब गई। अथक प्रयास कर ग्रामीणों ने चारों को बाहर निकाला। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। इसमें से तीन लड़कियों की मौत हो गई। जबकि एक की जान बचाई जा सकी है। मृतका की पहचान गांव के एक ही मोहल्ला वार्ड नंबर 8 के मोहम्मद मुख्तार की पुत्री रोशनी प्रवीण (14) मो सनाउल्लाह की पुत्री निराली प्रवीण (18) तथा स्वर्गीय सरवर आलम की पुत्री मुस्कान (16) शामिल हैं। जबकि मो शमशाद की पुत्री साजिया परवीन उर्फ फिजा को नदी से सुरक्षित निकालने में कामयाबी मिली। जानकारी के अनुसार चारो सहेलियां प्रतिदिन की भांति मंगलवार को भी करीब 12 बजे दिन में गांव के ही बूढ़ी गंडक में स्नान करने गई। जिसमें से अचानक एक सहेली अधिक पानी में चली गई और डूबने लगी। उसे डूबता देख दूसरी फिर तीसरी और फिर चौथी ने भी बचाने के ख्याल से बारी-बारी से डुबाउ पानी में चली गई। चारों को एक साथ डूबते देख एक दो लोगों ने हल्ला करना शुरू किया। आनन-फानन में गांव के युवाओं ने नदी में छलांग लगाया और सभी को बाहर निकाला। नदी किनारे लोगों की भीड़ लग गई। एक ही मोहल्ला के तीन तीन बेटियों का शव नदी से बरामद होने पर पूरे मोहल्ला में कोहराम मच गया। मृतका के मां-पिता एवं परिजन के साथ-साथ मोहल्ला के अन्य लोगों का भी रो-रोकर बुरा हाल था। सभी ऊपर वाले को कोसते हुए बस इतना कह रहे थे काश नदी जाने से बेटियों को रोक पाते! इस बीच सूचना पर पहुंचे प्रखंड विकास पदाधिकारी अनुरंजन कुमार एवं पुलिस पदाधिकारी अशोक कुमार सिंह व राजीव रंजन कुमार ने जायजा लिया तथा परिजनों को सांत्वना दी।

परिजनों ने पोस्टमार्टम से किया इंकार, वापस लौटी पुलिस

नदी से तीनों लड़कियों का शव बरामद होने के बाद पुलिस तीनों का पोस्टमार्टम कराने को लेकर शव को जब्त करना चाह रही थी। इंक्वेस्ट की प्रक्रिया प्रारंभ ही की गई मृतका के परिजनों ने एक स्वर से पोस्टमार्टम नहीं कराने की बात कही। प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारी के साथ-साथ स्थानीय मुखिया मो कोरैश एवं अन्य के द्वारा घंटों समझाने-बुझाने के बावजूद तीनों के परिजन पोस्टमार्टम कराने को तैयार नहीं हुए। अंतत: मृतका रोशनी परवीन के पिता मुख्तार अहमद तथा निराली प्रवीण एवं मुस्कान खातून की मां क्रमश: अजमत प्रवीण एवं रेहना खातून ने लिखित रूप से थानाध्यक्ष को आवेदन देकर अपने-अपने बच्चों का पोस्टमार्टम नहीं कराने और शव को दफनाने की अनुमति मांगी। तत्पश्चात पुलिस व पदाधिकारी वापस लौटे।

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