खुलेआम हो रही गैस की कालाबाजारी, प्रशासन मौन

खाते में डायरेक्ट सब्सिडी भेजने की प्रक्रिया के बाद से गैस एजेंसी नहीं बल्कि उपभोक्ता ही गैस सिलेंडर की कालाबाजारी कर रहे। शहर की छोटी गलियों से लेकर मुख्य सड़कों तक उसी घरेलू गैस सिलेंडर से छोटे सिलेंडर की रीफिलिंग खुलेआम की जाती है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Nov 2019 12:55 AM (IST) Updated:Tue, 26 Nov 2019 12:55 AM (IST)
खुलेआम हो रही गैस की कालाबाजारी, प्रशासन मौन
खुलेआम हो रही गैस की कालाबाजारी, प्रशासन मौन

समस्तीपुर । खाते में डायरेक्ट सब्सिडी भेजने की प्रक्रिया के बाद से गैस एजेंसी नहीं, बल्कि उपभोक्ता ही गैस सिलेंडर की कालाबाजारी कर रहे। शहर की छोटी गलियों से लेकर मुख्य सड़कों तक उसी घरेलू गैस सिलेंडर से छोटे सिलेंडर की रीफिलिंग खुलेआम की जाती है। रीफिलिंग के साथ-साथ फुटपाथ की चाय दुकानों से लेकर शहर के बड़े-बड़े होटलों और रेस्टोरेंट में घरेलू गैस का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा। बावजूद स्थानीय प्रशासन मौन है।

एक आंकड़ों के अनुसार, दलसिंहसराय में भारत गैस एजेंसी प्रत्येक माह करीब 14 हजार गैस सिलेंडरों की बुकिग के साथ सिलेंडर की डिलीवरी करती है। उसमें लगभग तीन हजार प्रधानमंत्री उज्वला योजना के उपभोक्ताओं द्वारा गैस का उठाव किया जाता है। इसमें आधे से अधिक गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी बाजार में उपभोक्ता खुद करते हैं। दुकानदार ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सब्सिडी तो उपभोक्ता के खाते पर ही जाती है। उपभोक्ता गैस को एजेंसी के खरीद मूल्य पर करीब आठ सौ रुपये में बेच देते हैं। इससे गैस की सब्सिडी की राशि का फायदा हो जाता है। त्योहार के मौसम में एक सिलेंडर को एक हजार मूल्य तक बेचते हैं। इससे करीब चार सौ से पांच सौ रुपये का फायदा होता है।

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कम परिवार वाले भी गैस सिलेंडर को बेचते

जिनका परिवार छोटा है, ऐसे परिवार भी गैस सिलेंडर को बाजार में गैस की रिफिलिग करने वाले दुकानदार और छोटे-छोटे होटल संचालकों के हाथों गैस बेच देते हैं। छोटा परिवार वाले पूरे वर्ष में दो से तीन गैस सिलेंडर खुद के इस्तेमाल के लिए रखते हैं। शेष गैस सिलेंडरों का उठाव कर उसे एजेंसी मूल्य पर बेच देते हैं।

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मांग से अधिक है आपूर्ति

सूर्य भारत गैस एजेंसी के प्रबंधक राज कुमार कहते हैं कि वर्तमान समय में मांग से अधिक गैस की आपूर्ति हो रही है। बुकिग के साथ ही उपभोक्ता को गैस सिलेंडर की आपूर्ति की जा रही है। वे बताते हैं कि त्योहार और बरसात के दिनों में गैस की थोड़ी बहुत किल्लत होती है। इसके कारण कुछ समस्या होती है।

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गैस की रिफिलिग कर कमा रहे हजारों रुपये

शहर के मालगोदाम रोड से लेकर गुदरी रोड, स्टेशन रोड, गांधी रोड के अलावा दर्जनों स्थानों पर खुले में गैस सिलेंडर की रिफिलिग की जाती है। गैस रिफिलिग करने वाले दुकानदार एक सिलेंडर पर तकरीबन पांच सौ रुपये की कमाई करते हैं।

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कहते हैं अधिकारी

अवैध रूप से घरेलू गैस सिलेंडर का व्यावसायिक रूप से इस्तेमाल करने वाले एवं गैस की रिफिलिग कर बेचने वालों पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

- विष्णुदेव मंडल, एसडीओ, दलसिंहसराय

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