पश्चिम बंगाल से ट्रक पर सवार होकर समस्तीपुर पहुंचे 168 लोग

कोरोना संक्त्रमण की आशका के बीच रविवार को पश्चिम बंगाल से ट्रकों में बैठाकर 168 लोगों को रविवार को समस्तीपुर पहुंचाया गया। ट्रकों की मुसरीघरारी के आसपास रोककर जाच की गई तो लोगों के होने की जानकारी मिली।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Mar 2020 12:11 AM (IST) Updated:Mon, 30 Mar 2020 12:11 AM (IST)
पश्चिम बंगाल से ट्रक पर सवार होकर समस्तीपुर पहुंचे 168 लोग
पश्चिम बंगाल से ट्रक पर सवार होकर समस्तीपुर पहुंचे 168 लोग

समस्तीपुर । कोरोना संक्त्रमण की आशका के बीच रविवार को पश्चिम बंगाल से ट्रकों में बैठाकर 168 लोगों को रविवार को समस्तीपुर पहुंचाया गया। ट्रकों की मुसरीघरारी के आसपास रोककर जाच की गई तो लोगों के होने की जानकारी मिली। हालाकि, प्रशासन ने पहले से इनके बारे में जानकारी होने की बात कही है। इन लोगों में अधिकतर ने मास्क व कुछ ने रूमाल बाध रखे थे। लेकिन, इनमें सुरक्षा का कोई मानक नहीं था। एक-दूसरे से सटकर बैठे लोग कोलकाता से अपने घर पहुंचे हैं। ट्रक चालक से जब पूछताछ की गई तो बताया कि रोजगार खत्म होने की वजह से ड्राइवर और मजदूरों को उनके घर पहुंचा रहे। जिला प्रशासन ने सभी की मेडिकल जाच का निर्णय लिया। इसके बाद सभी को सदर अस्पताल लाया गया। उनकी जाच की प्रक्रिया चल रही।

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न रोजगार और न खाने की थी व्यवस्था

मजदूरों ने बताया कि कोलकाता के चूनागली, दमदम, हावड़ा इलाके में रहनेवाले लोगों की स्थिति काफी खराब है। कोरोना की वजह से काम-धंधा सब बंद हो गया है। मकान मालिक घर में रहने नहीं देते। होटल भी पूरी तरह से बंद हो गया है। खाने को लेकर भी काफी परेशानी हो रही। किसी तरह यहा पहुंचे हैं।

इधर, कोरोना वायरस से संक्रमण को लेकर बाहर से आनेवाले लोगों के लिए जिले के एंट्री प्वाइंट पर कैंप बनाए गए हैं। वहा बाहर से आनेवाले लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग कराई जाएगी। रविवार को जिलाधिकारी शशाक शुभंकर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की। जिलाधिकारी ने अप्रवासी मजदूर सहायता कोषाग का गठन किया। कोषाग में सूचना लेने के लिए वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। इस पर मिली जानकारी को श्रम विभाग से साझा किया जाएगा। ग्रुप की मॉनीटरिंग जिलाधिकारी स्वयं कर रहे। जिलाधिकारी ने बताया कि बिहार के अप्रवासी मजदूरों को जिला मुख्यालय लाया जाएगा। इसके लिए हाउसिंग बोर्ड मैदान को ट्राजिट प्वाइंट बनाया गया है। वहीं से मजदूरों को उनकी संबंधित पंचायतों में भेजा जाएगा।

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राहत केंद्र के रूप में बदले प्वाइंट

प्रखंडों की विभिन्न पंचायतों के स्कूलों में रहने, खाने, शौचालय और साफ-सफाई की व्यवस्था की गई है। उन्हें राहत केंद्र के रूप में बदल दिया गया है। बाहर से आनेवाले लोगों की जानकारी मुखिया और ग्रामस्तरीय जन प्रतिनिधिगण नियंत्रण कक्ष में देंगे। प्रखंड विकास पदाधिकारी होम क्वारंटाइन में रह रहे लोगों एवं राहत केंद्रों की साफ-सफाई सुनिश्चित करेंगे।

जिलाधिकारी ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों से बाहर से आए लोगों की सूची को साझा किया और संबंधित दिशा-निर्देश दिए।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, पीएचसी प्रभारी, प्रखंड हेल्थ मैनेजर, प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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ट्राजिट प्वाइंट पर 20 गाड़ियों की व्यवस्था

बाहर से आनेवाले लोगों को घरों तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा पूरी व्यवस्था की गई है। ट्राजिट प्वाइट पर 20 गाड़ियों की तैनाती की गई है। ये सभी अलग-अलग प्रखंडों के लिए चिह्नित हैं। बाहर से आनेवाले लोगों की पहचान कर उन्हें संबंधित प्रखंड में बने क्वारंटाइन सेंटर में पहुंचाया जाएगा।

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