कर्पूरी पार्क के नाम पर जननायक का अपमान
- रेलवे कर्पूरी पार्क बना जुआ घर और पशुओं का चारागाह शाहपुरपटोरी, संस : जननायक कर्पूरी ठाकुर का भा
- रेलवे कर्पूरी पार्क बना जुआ घर और पशुओं का चारागाह
शाहपुरपटोरी, संस : जननायक कर्पूरी ठाकुर का भारतीय रेल व आम लोग कितना सम्मान करते है इसका अनुमान पटोरी रेलवे परिसर में बने कर्पूरी पार्क को देखकर सहज ही लगाया जा सकता है। पटोरी के लोगों के उपयोग, बच्चों के खेलने और अन्य कई उपयोगों के लिए बना यह कर्पूरी पार्क अब शहरवासियों के लिए कूड़ादान व युवाओं के जुआघर बनकर रह गया है। पटोरी बाजार तथा रेलवे परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए रेल के द्वारा बनाया गया कर्पूरी पार्क अपनी बदहाली की कहानी स्वयं कह रहा है। नतीजा यह है कि विभागीय उदासीनता के कारण यह सिर्फ पशुओं का चारागाह बन गया है। रेल अधिकारी अक्सर आते है और इसका मुआयना करते है। किन्तु इसके जीर्णोद्धार की पहल नहीं होती।
आरंभ से हो रही उपेक्षा
1997 में तत्कालीन रेलमंत्री रामविलास पासवान द्वारा अमान परिवर्तन के उद्घाटन के वक्त इसके निर्माण की घोषणा की गई। 2000 में निर्माण का कार्य प्रारंभ कराया गया। इसके स्थल के चयन व निर्माण में भी लापरवाही बरती गई। इंजीनियर ने स्थल चयन के क्रम में एक बड़े गड्ढ़े में बिना मिट्टी भराये इसका निर्माण कार्य आरंभ कराया। जिससे बरसात में अक्सर यह झील में परिवर्तित हो जाता है। निर्माण कार्य ऐसा घटिया कि दो वर्ष तक भी यह दुरूस्त नहीं रह सका। निर्माण के वक्त पार्क के चारों ओर दीवार जोड़कर लोहे चाहरदिवारी बनाई गई तथा पार्क में आने-जाने वाले लोगों के बैठने के लिए पक्के बेंच बनवाये गये। अब न तो एक बेंच है और न ही दुरूस्त चाहरदिवारी। रही-सही कसर तो तब पूरी हो गई जब रेलवे स्टेशन पर बने शौचालय की टंकी का पानी पार्क में बहाया जाने लगा।
लोगों में है आक्रोश
पार्क की उपेक्षा और बदतर स्थिति का मलाल यहां के आमलोगों को है। इस संबंध में दौरा पर आये कई रेल अधिकारियों को लोगों ने मौखिक एवं लिखित रूप से शिकायतें की। बाजार के लोगों ने यह भी शिकायत की कि पार्क के अंदर लगाये गये सैकड़ों छायादार वृक्ष विकसित नहीं हो सके और अब सिर्फ पशु चरते नजर आते है। और तो और सुबह से शाम तक युवाओं की टोली इसके अंदर बैठकर खुलेआम जुआ खेलती नजर आती है। लोगों का कहना है कि जननायक कर्पूरी ठाकुर की कर्मस्थली पटोरी में उनके नाम पर स्थापित इस पार्क की दुर्दशा बर्दाश्त नहीं करेंगे। लोगों ने मांग की है कि इसका जीर्णोद्धार कर इसकी देखरेख के लिए किसी व्यक्ति को नियुक्त किया जाए।