बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा कोसी
सहरसा। अब कोसी क्षेत्र के किसान बीज के नाम पर ठगे नहीं जाएंगे। नकली बीज के उपयोग के कारण्
सहरसा। अब कोसी क्षेत्र के किसान बीज के नाम पर ठगे नहीं जाएंगे। नकली बीज के उपयोग के कारण उन्हें खेती में हो रही क्षति से भी निजात मिलेगी। आने वाले दिनों में मौसमी फसल और सब्जी की खेती के लिए कोसी क्षेत्र बीज के मामले में आत्मनिर्भर बनेगा। इसके लिए कृषि विभाग ने तैयारी प्रारंभ कर दिया है। बीजों के तैयार होने से किसानों की आमदनी में कई गुणा की वृद्धि होगी। इससे किसानों की माली हालात में सुधार होगा और पिछड़े कोसी क्षेत्र का आर्थिक उन्नयन होगा।
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शंकर किस्म के बीज का किया जाएगा उत्पादन
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कृषि विभाग ने कोसी क्षेत्र के किसानों को आसानी से बेहतर किस्म का बीज उपलब्ध कराने और आमदनी बढ़ाने के लिए शंकर किस्म के धान और मक्का के साथ-साथ सब्जियों और फलों का बीज उत्पादन करने का निर्णय लिया। इसके लिए जगह-जगह टिशू कल्चर इकाई की स्थापना की जाएगी और किसानों को बीज उत्पादन के लिए तकनीकी व अन्य सहायता भी दी जाएगी। अपने द्वारा तैयार किए गए बीज के माध्यम से खेती कर किसान बेहतर उत्पादन हासिल करेंगे, वहीं बीज की बिक्री कर दोहरा लाभ भी प्राप्त करेंगे।
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उत्पादन क्षमता बढ़ने से अधिक किसानों को मिलेगा मुफ्त बीज
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वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए सरकार से अधिक- से- अधिक किसानों को लाभांवित करने की योजना बनाई है। स्थानीय स्तर पर बीज का उत्पादन बढ़ने के बाद सरकार अधिक- से- अधिक किसानों को मुफ्त बीज उपलब्ध कराएगी, जिसका खेती और उत्पादन पर सीधा असर होगा। कोसी क्षेत्र में दियारा विकास योजना के तहत सब्जी, दलहन और तिलहन की खेती को इस योजना से बल मिलेगा। बेहतर बीज प्राप्त होने से सब्जी व दलहन के मामले में भी कोसी क्षेत्र आत्मनिर्भर बनेगा।
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कृषि रोड मैप के तहत सरकार स्थानीय स्तर पर बीज उत्पादन को भी बढ़ावा दे रही है। इससे किसान नकली बीज की समस्या से बचेंगे। बीज उत्पादन और अच्छे बीज के कारण पैदावार में भी बढ़ोतरी होगी। इससे कोसी क्षेत्र के किसान बेहद लाभांवित होंगे।
दिनेश प्रसाद सिंह
जिला कृषि पदाधिकारी, सहरसा।