नप कार्यालय में चोरी हुई या..

सहरसा। नगर परिषद कार्यालय में आठ लाख रुपए की चोरी की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं। चोरी की घटना क

By Edited By: Publish:Sun, 02 Aug 2015 07:30 PM (IST) Updated:Sun, 02 Aug 2015 07:30 PM (IST)
नप कार्यालय में चोरी हुई या..

सहरसा। नगर परिषद कार्यालय में आठ लाख रुपए की चोरी की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं। चोरी की घटना को जहां पुलिस भी संदेहास्पद मान रही है वहीं लोगों को यह पच नहीं रहा है।

जानकारी के अनुसार नगर परिषद की सुरक्षा को लेकर रात्रि प्रहरी बहाल है। अगर चोरी हुई तो रात्रि प्रहरी को भनक तक क्यों नहीं लगी। यही नहीं नप कार्यालय परिसर में अवैध रूप से वाहनों की पार्किंग होती है। चालक भी आते-जाते रहते हैं। फिर चोरी की घटना को कैसे अंजाम दिया गया। स्थानीय लोगों की मानें तो शनिवार की देर शाम तक कुछ लोग नप कार्यालय के अंदर नजर आ रहे थे। यह भी चर्चा है कि देर शाम तक शराब का दौर भी चला था। फिर आठ लाख की चोरी कैसे हो गयी।

सबसे अहम सवाल है जब नगर परिषद कार्यालय में नाजिर पदस्थापित हैं और नप को अपना चेस्ट भी है तो सहायक टैक्स दारोगा के पास इतनी बड़ी रकम कैसे दी गयी। राशि वितरण के बाद टैक्स दारोगा नाजिर के पास राशि जमा कर सकते थे। यही नहीं जब होल्डिंग टैक्स की राशि प्रतिदिन नगर परिषद में जमा हो जाता है तो टैक्स दारोगा अपने पास राशि क्यों रखे हुए था। ये तमाम सवाल घटना पर सवालिया निशान लगा रहा है। थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह की मानें तो चोरी की घटना को लेकर पहले आठ हजार कहा गया फिर सीधे आठ लाख पर मामला अटका है। बक्शा शहरी क्षेत्र में ही मिलना और फिर चोरी की जानकारी सुबह में कर्मी को मिल जाना घटना को संदेहास्पद बना रहा है। उन्होंने कहा कि मामले में नप के कर्मी की भी सहभागिता हो सकती है। पूरे मामले पर गंभीरता से जांच की जा रही है। नप उपसभापति के प्रतिनिधि संजय सिंह की मानें तो आखिर टैक्स दारोगा के नाम से चेक क्यों काटा गया? यह राशि नाजिर को दिया जाता और नाजिर टैक्स दारोगा को देकर दिनभर का हिसाब लेकर पुन: वापस चेस्ट में रख लेते। ऐसे में इस तरह की घटना नहीं होती। उन्होंने मामले में गहन छानबीन की आवश्यकता जतायी है। फिलहाल इतनी बड़ी चोरी की घटना से शहर के लोग भी सशंकित हैं।

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