समाज के प्रति शिक्षकों का दायित्व अहम: प्रतिकुलपति
सहरसा: समाज के प्रति शिक्षकों का दायित्व काफी महत्वपूर्ण रहा है। जब विद्यालयों की परिकल्पना नहीं थी
सहरसा: समाज के प्रति शिक्षकों का दायित्व काफी महत्वपूर्ण रहा है। जब विद्यालयों की परिकल्पना नहीं थी, तब गुरुकुल में पढ़ाई होती थी। धीरे-धीरे शैक्षणिक व्यवस्था में बदलाव आने लगा और विवि की स्थापना होने लगी।
उक्त बातें गुरुवार को भूपेन्द्र नारायण मंडल विवि के प्रतिकुलपति डॉ. जेपीएन झा ने राजेन्द्र मिश्र महाविद्यालय में बीएड विभाग द्वारा वैश्वीकरण के दौर में शिक्षकों की भूमिका विषय पर आयोजित सेमिनार में उद्घाटन कर्ता के रुप में संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि चंद्रगुप्त जैसे राजा के शासन काल में चाणक्य ने एक शिक्षक की भूमिका निभाई थी। आज सात सौ विवि की स्थापना के बाद भी हम उत्कृष्ट शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं। शिक्षक अपने दायित्व के विमुख होने लगे हैं। जो तरक-भड़क में विश्वास करेगा, वह समाज में आदर्श नहीं बन पायेगा।
अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो. प्रकाश चन्द्र खां ने कहा कि आज के दौर में शिक्षक अपने मूल उद्देश्य से भटक रहे हैं। शिक्षण कार्य करना अत्यंत आवश्यक है। बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए शिक्षकों की कड़ी मेहनत करनी होगी। अन्य देशों के मुकाबले में भारत अभी भी काफी पिछड़ा हुआ है। उन्होंने छात्रों को हरसंभव शैक्षणिक माहौल का भरोसा दिलाया। डॉ. विनय चौधरी के मंच संचालन में सेमिनार को रमेश झा महिला कालेज की प्राचार्य डॉ. रेणु सिंह, सोनवर्षा कालेज के प्राचार्य डॉ. केएसओझा, एमएलटी कालेज के प्राचार्य डॉ. केपी यादव, आयोजन समिति के सचिव डॉ. बीसी चौधरी, डॉ. अरुण खां, डॉ. राजीव कुमार, अरविन्द खां, कुमोद कुमार झा, किसलय कुमार झा आदि ने संबोधित किया।