Rohtas: पायलट बाबा धाम में आयोजित भजन संध्या में शिरकत करेंगे मनोज तिवारी, बाबा रामदेव सहित कई महामंडलेश्वर

देव दीपावली से एक दिन पूर्व सोमवार को पायलट बाबा धाम में पूर्वोतर ज्योतिर्लिंग व सोमनाथ मंदिर का उद्घाटन होना है। इस मौके पर बाबा रामदेव मनोज तिवारी समेत कई अखाड़ों के महामंडलेश्वर यहां पहुंच रहे हैं। भजन संध्या शाम सात बजे से रात दस बजे तक का निर्धारित है।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Publish:Sun, 06 Nov 2022 08:09 AM (IST) Updated:Sun, 06 Nov 2022 08:09 AM (IST)
Rohtas: पायलट बाबा धाम में आयोजित भजन संध्या में शिरकत करेंगे मनोज तिवारी, बाबा रामदेव सहित कई महामंडलेश्वर
पायलट बाबा धाम में 111 फीट ऊंची शिव प्रतिमा

 जागरण संवाददाता, सासाराम : रोहतास। पायलट धाम में शिव प्रतिमा के साथ पूर्वोतर ज्योतिर्लिंग व सोमनाथ मंदिर के लोकार्पण मौके पर आठ नवंबर को आयोजित भजन संध्या में चर्चित फिल्म स्टार सह भाजपा सांसद मनोज तिवारी भाग लेंगे। उद्घाटन के मौके पर वे सात को ही सासाराम पहुंचेंगे तथा अगले दिन भजन संध्या में भाग लेंगे। मिली जानकारी के अनुसार बिहार के सबसे ऊंची शिव प्रतिमा और पूर्वोत्तर भारत के महत्वपूर्ण ज्योतिर्लिंग स्थापना के मौके पर आयोजित भजन संध्या में देश के कई नामी गिरामी लोक कलाकारों के भाग लेने की संभावना है। साथ ही कई वाद्य यंत्रों के वादक भी अपनी हुनर के जलवे बिखेरेंगे। 

शाम सात बजे से रात दस बजे तक कार्यक्रम

पायलट धाम परिसर में बने पंडाल में आयोजित इस भजन संध्या का समय शाम सात बजे से रात दस बजे तक का निर्धारित है। हालांकि मनोज तिवारी जैसे कलाकारों के आने से श्रोताओं और दर्शकों की भीड़ ज्यादा होने की उम्मीद है।बता दें कि देव दीपावली से एक दिन पूर्व सोमवार को पायलट बाबा धाम में पूर्वोतर ज्योतिर्लिंग व सोमनाथ मंदिर का उद्घाटन होना है। इस मौके पर बाबा रामदेव समेत कई अखाड़ों के महामंडलेश्वर यहां पहुंच रहे हैं। 

आगंतुकों के स्वागत की सभी तैयारियां पूरी 

धाम कमेटी के अनुसार आगंतुकों के स्वागत की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। महायोगी पायलट बाबा ने बताया कि यह धाम आने वाले दिनों में सर्व धर्म सद्भाव के रूप में देश विदेश में ख्याति प्राप्त करेगा। इसमें कई विदेशी मेहमानों को भी जिले में पहुंच यहां की संस्कृति, सभ्यता व अतिथि देवो भव के संस्कार से जुड़ने का अवसर मिलेगा। पायलट बाबा का कहना है कि देश सभी धर्मों में परस्पर प्यार व स्नेह का अद्वितीय रूप है। धाम और यहां पर स्थापित मूर्तियां व चित्र प्रदर्शनी यहां के युवाओं के लिए भी प्रेरणादायी साबित होंगे। इस मंदिर का निर्माण एक ऐसा सुअवसर है जो देश के भविष्य निर्माण व संस्कृतियों के पुनर्जागरण के लिए किया गया है।

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