विधानसभा चुनाव में नहीं दिख रहा आधी आबादी का दम, 15 फीसद हैं महिला प्रत्याशी

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण के बावजूद बिहार विधानसभा चुनाव को ले जिले में आधी आबादी का जोश ठंडा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Oct 2020 09:38 PM (IST) Updated:Mon, 19 Oct 2020 09:38 PM (IST)
विधानसभा चुनाव में नहीं दिख रहा आधी आबादी का दम, 15 फीसद हैं महिला प्रत्याशी
विधानसभा चुनाव में नहीं दिख रहा आधी आबादी का दम, 15 फीसद हैं महिला प्रत्याशी

प्रवीण दूबे, सासाराम : रोहतास। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण के बावजूद बिहार विधानसभा चुनाव को ले जिले में आधी आबादी का जोश ठंडा है। जबकि जिले की राजनीति में अपनी मजबूत पकड़ रखने के बावजूद विधानसभा चुनाव के प्रति आधी आबादी की उदासीनता समझ से परे है। सासाराम संसदीय क्षेत्र से लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार, बिक्रमगंज से सांसद मीना सिंह, पूर्व मंत्री स्व. सुमीत्रा देवी, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह व अनीता देवी, विधायक के तौर पर मनोरमा पांडेय, ज्योति रश्मि , सीतासुंदरी देवी व जिला परिषद अध्यक्ष के रूप में शीला सिंह, एमएस गंधा व प्रमिला सिंह अपने समय में जिले की राजनीति को अपनी दमदार उपस्थिति से प्रभावित किया है। विधानसभा चुनाव में ठंडा पड़ा जोश:

इस वर्ष के चुनाव में जिले के सभी सात विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशी के तौर पर उनकी आंशिक उपस्थिति ही दिख रही है। हालांकि गत दो चुनावों पर नजर डालें, तो इस वर्ष ज्यादा महिलाएं चुनावी समर में टक्कर दे रही हैं। 2010 विधानसभा चुनाव में जहां 11 महिला प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरी थीं, वहीं 2015 में इनकी संख्या दो अंक तक भी नहीं पहुंच पाई थी। इसके बावजूद इस वर्ष प्रत्याशी के रूप में आधी आबादी की उपस्थिति महज 15 फीसद ही है। इनमें महागठबंधन ने जहां एक महिला उम्मीदवार दिया है, वहीं एनडीए से सभी सात सीटों पर पुरुष प्रत्याशी ही दिए गए हैं। 116 में महज 16 हैं महिला उम्मीदवार:

जिले के कुल सात विधानसभा क्षेत्रों से 116 प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें से महज 16, यानी लगभग 15 फीसद महिला प्रत्याशी चुनावी महासमर में उतरी हैं। चेनारी (सु.) विधानसभा क्षेत्र से कुल 15 प्रत्याशियों में दो ही महिला उम्मीदवार अपना किस्मत आजमा रही हैं। उसमें से एक बहुजन मुक्ति पार्टी से व एक निर्दलीय हैं। जबकि सासाराम विधानसभा क्षेत्र में आधी आबादी की संख्या तीन है। इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 20 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसी तरह करगहर विधानसभा से कुल 20 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जबकि यहां से इस वर्ष तीन महिला प्रत्याशी चुनाव लड़ रही हैं। दिनारा विधानसभा क्षेत्र में कुल 19 प्रत्याशियों में केवल दो महिला प्रत्याशी शामिल हैं। हालांकि नोखा विधानसभा क्षेत्र में 15 प्रत्याशियों में से तीन यानि 20 फीसद महिला प्रत्याशी इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रही हैं। इनमें महागठबंधन से राजद विधायक व पूर्व मंत्री अनीता देवी भी शामिल हैं। जबकि डेहरी विधानसभा क्षेत्र में कुल 14 प्रत्याशियों में सिर्फ एक महिला प्रत्याशी ही चुनावी मैदान में डटी हैं। काराकाट विधानसभा क्षेत्र में कुल 13 प्रत्याशी इस बार चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिनमें केवल दो महिला प्रत्याशी शामिल हैं। इस तरह जिले के 116 प्रत्याशियों में से महज महज 16 महिलाएं ही चुनावी संघर्ष में उतरने का साहस कर सकी हैं। इन 116 प्रत्याशियों में राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय दलों से 27, रजिस्ट्रीकृत दलों से 43 व निर्दलीय के तौर पर 46 प्रतयाशी चुनावी मैदान में हैं, जिनकी किस्मत 28 अक्टूबर को ईवीएम में बंद हो जाएगी।

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