अब भी नौकरी की आस में 33 विस्थापित परिवार

रोहतास। दुर्गावती जलाशय परियोजना से करमचट व भुड़ली गांव से विस्थापित तीन दर्जन ऐसे परिवार ह

By Edited By: Publish:Mon, 27 Jun 2016 07:44 PM (IST) Updated:Mon, 27 Jun 2016 07:44 PM (IST)
अब भी नौकरी की आस में 33 विस्थापित परिवार

रोहतास। दुर्गावती जलाशय परियोजना से करमचट व भुड़ली गांव से विस्थापित तीन दर्जन ऐसे परिवार हैं जिन्हें अब भी सरकार नौकरी नहीं दे पाई है। वे नौकरी की आस में आज भी दर- दर भटक रहे हैं। वंचित विस्थापित परिवार के सदस्यों ने सरकार व विभाग से नौकरी के लिए दरख्वास्त लगाई है। सुरेंद्र चेरो, उदय चेरो, जितेंद्र चेरो, दीपक ¨सह, हरिमोहन ¨सह, श्रीराम ¨सह, प्रतिकार कुमार, सुनिल ¨सह अर्जुन ¨सह सहित अन्य विस्थापित परिवारों की मानें तो ढ़ाई वर्ष पूर्व सरकार ने 276 विस्थापित परिवारों में से एक-एक सदस्यों को सरकारी नौकरी देने का निर्णय लिया था। अब तक 240 लोगों को ही नौकरी मिल सकी है। अन्य 33 को विभाग व सरकार के उदासीनता के कारण बहाली नहीं हो सकी है। ये परिवार आज भी फटेहाली की ¨जदगी जीवन गुजर बसर कर रहे हैं। जिनमें केदार ¨सह, अमीता ¨सह, स्नेही ¨सह, लंगटु ¨सह, हरगो¨बद ¨सह, जगन ¨सह, शिवजन्म ¨सह, महेश ¨सह, राम नरेश पासवान, दुखी ¨सह, सकल ¨सह, बलदेव ¨सह, बिगन ¨सह, भोला ¨सह, जेठो चेरो, सुखनंदन चेरो, रामज्नम चेरो, योगी चेरो, मेघा चेरो, घुरफेकन चेरो, लाल चेरो, जवाहिर चेरो, वासदेव चेरो, रामचन चेरो, शिवपूजन चेरो, सुकवरियो देवी प्रमुख रूप से शामिल हैं।

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