लड़कियों को पसंद नहीं अनपढ़ 'लाइफ पार्टनर'

संवाद सूत्र, संझौली (रोहतास) : आपके पास पैसा है, लेकिन शिक्षा नहीं! फिर भी अमीरी के गुमान में अच्छी

By Edited By: Publish:Sat, 23 May 2015 06:57 PM (IST) Updated:Sat, 23 May 2015 06:57 PM (IST)
लड़कियों को पसंद नहीं अनपढ़ 'लाइफ पार्टनर'

संवाद सूत्र, संझौली (रोहतास) : आपके पास पैसा है, लेकिन शिक्षा नहीं! फिर भी अमीरी के गुमान में अच्छी व पढ़ी-लिखी दुल्हन की सोच रखते हैं, तो जरा संभल जाइए। हो सकता है कि आपकी यह इच्छा पूरी न हो। बदलते परिवेश के साथ न सिर्फ सोच बदली है, बल्कि लड़कियों में अपने लाइफ पार्टनर को ले सजगता भी आई है। अभिभावक या माता-पिता भी बेटियों की सजगता में उनके साथ खड़े नजर आने लगे हैं। हाल की कई घटनाओं ने साबित कर दिया है कि आज की पढ़ी-लिखी बेटियों को अब बकलोल (अनपढ़) दूल्हे से शादी कतई मंजूर नहीं। जानकारों की माने तो लड़कियों में इस तरह की जागरूकता न सिर्फ उनकी सजगता का परिचायक है बल्कि दहेज लेने वालों के प्रति कड़ा संदेश भी है।

और बेटियों ने लौटाई बरात :

लड़का कैसा भी क्यों न हो, तब बेटियों की शादी बाप की मर्जी के अनुसार करनी पड़ती थी। लेकिन अब बेटियां पिता की विवशता नहीं रही। पिछले महीने नावानगर से यक्षिणी भवानी दिनारा में आई बरात को बेटी अंजनी ने इसलिए लौटा दिया कि लड़का अनपढ़ था और शादी कराने वाले ने कहा था कि लड़का ग्रेजुएट है।

कुछ माह पूर्व मानी नोखा की घटना भी काफी चर्चा में रही। लड़का 500 का नोट भी नहीं पहचान पाया और उसकी पढ़ाई की पोल खुल गई। लड़की ने शादी करने से इंकार कर दिया। ये तो चंद उदाहरण है। दिनारा, काराकाट, संझौली, नासरीगंज, दावथ में जनवरी से अबतक करीब एक दर्जन ऐसी घटनाएं घटी, जिसमें बेटियों ने उपयुक्त वर नहीं होने के कारण शादी से इंकार कर दिया।

कहते हैं जानकार :

शादी के प्रति लड़कियों की जागरूकता अच्छा संकेत है। कालेज की अधिकांश लड़कियों में भी इस तरह की जागरूकता देखी जा रही है। लाइफ पार्टनर को ले काफी सजग दिखती है।

प्रो. बबिता कुमारी, नोखा :

क्षेत्र में जो हाल की घटनाएं घटी हैं उसमें बेटियों ने न सिर्फ बहादुरी का परिचय दिया है, बल्कि जागरूकता की मूक क्रांति का आगाज किया है। इससे बेमेल विवाह पर भी अंकुश लगेगा। दहेज लेने वालों के लिए भी एक सबक है।

सोनी कुमारी, नोखा

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