विश्वविद्यालयों के लापरवाह अफसरों को राज्‍यपाल ने चेताया, काम नहीं करनेवालों को मिलेगी सजा

राजभवन की पहल पर आयोजित कार्यक्रम में राज्‍यपाल सह कुलाधिपति टंडन ने कहा कि बिहार के विश्‍वविद्यालयों में रिसर्च को मिलेगा बढ़ावा। वहीं उन्‍होंने लापरवाह अफसरों को चेताया।

By Rajesh ThakurEdited By: Publish:Wed, 29 May 2019 08:37 PM (IST) Updated:Wed, 29 May 2019 10:10 PM (IST)
विश्वविद्यालयों के लापरवाह अफसरों को राज्‍यपाल ने चेताया, काम नहीं करनेवालों को मिलेगी सजा
विश्वविद्यालयों के लापरवाह अफसरों को राज्‍यपाल ने चेताया, काम नहीं करनेवालों को मिलेगी सजा

राज्य ब्यूरो, पटना : बिहार के राज्‍यपाल लालजी टंडन ने विश्‍वविद्यालयों के अफसरों को कड़ी हिदायत दी है। कहा है कि शैक्षणिक व्‍यवस्‍था में सुधार लाएं। उन्‍होंने यह भी कहा है कि किसी भी कीमत पर भ्रष्‍टाचार को बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा। काम नहीं करने वालों को सजा मिलेगी। अच्‍छे अफसरों को प्रोत्‍साहित भी किया जाएगा। राज्यपाल सह कुलाधिपति लालजी टंडन ने बुधवार को तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित 'बिहार के विश्वविद्यालयों में शोध को बढ़ावा देने हेतु संवेदीकरण कार्यशाला' का उद्घाटन किया। दूसरी ओर नालन्दा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुनयना सिंह ने राजभवन में शिष्टाचार मुलाकात की। इस दौरान कुलपति प्रो.सिंह ने राज्यपाल को नालन्दा विश्वविद्यालय की शैक्षणिक  उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। 

बिहार के विश्वविद्यालयों में शोध को बढ़ावा मिलेगा

'बिहार के विश्वविद्यालयों में शोध को बढ़ावा देने हेतु संवेदीकरण कार्यशाला' में राज्‍यपाल ने कहा कि बिहार के विश्वविद्यालयों में शोध को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, शोध कार्यों में गुणवत्ता विकास को लेकर नये सिरे से नीति निर्धारण भी किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि उच्च शिक्षा में शोधपरकता को विकसित करना नितांत आवश्यक है। इसके लिए धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। 

शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार लाएं अफसर

उन्‍होंने विश्‍वविद्यालयों के अफसरों को भी चेताया। उन्‍होंने कहा कि शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार लाएं, नहीं तो कड़ी कार्रवाई होगी। सुधार के लिए जो पदाधिकारी अथवा शिक्षक पहल नहीं करेंगे, उनके लिए दूसरी व्यवस्था करना मेरा अधिकार है। जो सुधार के लिए कार्य नहीं करेंगे, उन्हें सजा के लिए तैयार रहना होगा। उन्‍होंने कहा कि विद्यार्थी परीक्षा दें और उन्हें प्रमाणपत्र के लिए विश्वविद्यालयों का चक्कर लगाना पड़े, यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सुधार के लिए मैं खुद रोज छह घंटे काम करता हूं 

उन्‍होंने कहा कि मैं खुद इन सभी बातों में सुधार के लिए रोज छह घंटे काम करता हूं।  एकेडमिक तथा परीक्षा कैलेंडर हो, अनुशासन हो या पठन-पाठन, इन सभी चीजों में बेहतर परिवर्तन हाल के दिनों में देखने को मिले हैं। इस परिवर्तन को और तेज करने की जरूरत है। 

विश्वविद्यालयों में किसी प्रकार का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं

राज्यपाल ने कहा किराज्य में उच्च शिक्षा के विकास के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं है, लेकिन विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। जो व्यवस्था में सुधार-प्रयासों के साथ जुड़कर सहयोग करेंगे, वे सम्मानित होंगे और जो इसे बाधित करेंगे, उन्हें सजा मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि  मैकाले, माक्र्स, लेनिन के दर्शन और सिद्धांतों से परिचित होने के पूर्व हमें भारतीय चिंतकों और मनीषियों के जीवन चिंतन तथा आदर्शों से भी अवगत होना जरूरी है। तभी हमारी ज्ञान-संपदा और विचार-यात्रा संतुलित होगी। उन्होंने कहा कि पश्चिम के इतिहासकारों ने भारतीय इतिहास के साथ न्याय नहीं किया है।

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