लीड.. अंचल प्रशासन पर जमीन विवाद को बढ़ाने का आरोप

पूर्णिया। अंचल प्रशासन एवं कर्मचारियों की लापरवाही के वजह से क्षेत्र में जमीन विवाद का मामला बढ़त

By JagranEdited By: Publish:Sun, 15 Dec 2019 12:14 AM (IST) Updated:Sun, 15 Dec 2019 12:14 AM (IST)
लीड.. अंचल प्रशासन पर जमीन विवाद को बढ़ाने का आरोप
लीड.. अंचल प्रशासन पर जमीन विवाद को बढ़ाने का आरोप

पूर्णिया। अंचल प्रशासन एवं कर्मचारियों की लापरवाही के वजह से क्षेत्र में जमीन विवाद का मामला बढ़ता जा रहा है। इस तरह का एक मामला गंगापुर पंचायत के मिरचाईब़ाड़ी से बनमनखी थाना पहुंचा है। इसमें पीड़ित अनिल कुमार साह ने बनमनखी के सीओ सहित उनके अधीनस्थ कर्मचारियों पर फर्जी तरीके से मालगुजारी रसीद निर्गत करने का आरोप लगाया है।

पीड़ित से मिली जानकारी अनुसार एक ही खाता, खेसरा की जमीन का दो अलग-अलग लोगों को रसीद निर्गत कर दिया गया है। इस मामले को लेकर पीड़ित ने 2011 में जानकीनगर थाना में बनमनखी के तत्कालीन सीओ सहित अन्य आधा दर्जन से अधिक लोगों पर मामला दर्ज कराया था। जिसमें आरोप पत्र भी समर्पित किया जा चुका है। बताया गया कि 2015 में तत्कालीन सीओ ने मामला दर्ज होने तथा वर्णित जमीन पर विवाद के कारण उभयपक्षों में से किसी को भी मालगुजारी रसीद निर्गत नहीं करने का आदेश दिया था। इसका खुलासा आरटीआइ से मागी गई सूचना से हुई।

डेढ़ बीघा जमीन पर स्वामित्व के लिए दो पक्षों में चल रहा विवाद

बतातें चलें कि मिरचाईबाड़ी गंगापुर में अनिल कुमार साह एवं अनिल यादव के बीच 2011 से ही करीब डेढ़ बीघा जमीन पर स्वामित्व को लेकर विवाद गहराया हुआ है। यह मामला न्यायालय पूर्णिया में लंबित है। पीड़ितों ने बनमनखी के राजस्व कर्मचारी पर सीओ की मिलीभगत से दूसरे पक्ष के अनिल यादव की पत्‍‌नी के नाम से इसी विवादित जमीन का रसीद निर्गत करने का आरोप लगाया है। उनका यह भी कहना है कि जब पूर्व सीओ ने मामला न्यायालय में लंबित रहने के कारण उभयपक्षों को रसीद निर्गत करने पर रोक लगा रखा है तब आखिर किस परिस्थिति में एक पक्षकार को विवादित जमीन का रसीद निर्गत कर दिया गया। पीड़ितों का सवाल यह भी है कि थाना काड संख्या 126/11 में आरोपियों के विरुद्ध फर्जी रसीद काटने के मामले में आरोपी पत्र समर्पित किया जा चुका है तो किस परिस्थिति में एक पक्षकार को अंचल प्रशासन बनमनखी ने रसीद निर्गत कर दिया। बनमनखी के सीओ अर्जुन कुमार विश्वास से पूछने पर बताया गया कि पहले से ही उसका रसीद कट रहा होगा, इसीलिए दूसरे पक्षकार को रसीद निर्गत कर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पूर्व से ही रसीद निर्गत पर रोक लगा हुआ है तो इस मामले में प्राप्त शिकायत के आलोक में वे दोषियों पर जाचोपरात कार्रवाई करेंगे।

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