आज यहां कल वहां है ठिकाना

By Edited By: Publish:Fri, 19 Sep 2014 12:08 PM (IST) Updated:Fri, 19 Sep 2014 12:08 PM (IST)
आज यहां कल वहां है ठिकाना

राजेश कुमार, पूर्णिया : कटान के लिए कुख्यात कोसी की धारा का कोप रूपौली को भी झेलना पड़ता है। मोहनपुर ओपी एवं भौवा प्रबल पंचायत का धोबिनिया गाव की कटान नियति बनती चली जा रही है। इसके अलावा भी यहा के कई गाव के लोगों को कोसी के कारण आज यहां कल वहां ठिकाना बन जाता है। बहरहाल विभागीय प्रयास के कारण अंझरी गांव के सड़क पर मंडरा रहा कोसी के कटाव का खतरा भले ही टल गया हो लेकिन संकट नहीं टला है।

कोशी के कारण अबतक धोबिनिया गाव दो-दो बार कटाव का शिकार हो गया है, यहा की सैकड़ों एकड़ जमीन भी कोसी ने लील ली है। बिजय गाव से लेकर कोशकीपुर गाव तक विजय, धोबिनिया, अंझरी, टोपड़ा, सहोड़ा, पुरानी नंदगोला, कोशकीपुर, टोपड़ा, बिंदटोली आदि लगभग आधा दर्जन गाव अपना मूल अस्तित्व खो चुके हैं। वहां के लोग धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ते चले जा रहे हैं। 2011 में कोसी से कटकर बगल के अंझरी सड़क पर लोग विस्थापित होकर चले आ गये थे। धोबिनिया गाव पर कोसी ने नजर टिका दी उसे काटने तैयार हो गयी। हालांकि कोसी ने सड़क को आधा काट दिया है। यहां पिछले कई दिनों से जल संसाधन विभाग द्वारा कटाव निरोधक कार्य चलाया जा रहा है। जल संसाधन विभाग द्वारा चलाये किये जा रहे प्रयास का नतीजा है कि कटाव थम गया है। हाल ही बिहार सरकार की पिछड़ा-अत्यंत पिछड़ा वर्ग की मंत्री बीमा भारती, सांसद संतोष कुशवाहा भी यहां पहुंचे थे। गाव के नरेश यादव, लखी देवी, सुलेखा देवी, दीपनारायण यादव, बिहारी यादव, रणजीत यादव, माधो यादव, अमरेश यादव, इंदल यादव आदि ने उनसे शिकायत की कि सरकार द्वारा स्थायी समाधान नहीं किये जाने कारण ऐसी स्थिति हो गयी है।

''विजय से सोहरा एवं सोहरा से कोशकीपुर तक रिंग बांध एवं ठोकर बनाकर कटाव का स्थायी समाधान किया जा सकता है। लेकिन इसपर काम नहीं हो रहा है।'' मस्तराज जायसवाल, जिला पार्षद

''विभाग को कटाव की जानकारी दी गई है। पटना से जल संसाधन विभाग की टीम आने वाली है। टीम द्वारा जांच बाद कारगर कदम उठाया जाएगा। '' अशोक यादव, सहायक अभियंता, जल संसाधन विभाग

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