वर्किंग वुमन फर्स्ट च्वाइस: शादी के लिए नौकरीपेशा लड़कियों को तरजीह दे रहे युवा

युवावर्ग को जीवनसाथी के रूप में नौकरीपेशा लड़की चाहिए। युवाओं की फर्स्ट च्वॉयस वर्किंग वूमेन हैं। जानते हैं कुछ एेसे ही युवाओं की कहानी जिनकी फर्स्ट च्वॉयस हैं वर्किंग ब्राइड....

By Kajal KumariEdited By: Publish:Sun, 29 Apr 2018 02:41 PM (IST) Updated:Sun, 29 Apr 2018 11:29 PM (IST)
वर्किंग वुमन फर्स्ट च्वाइस: शादी के लिए नौकरीपेशा लड़कियों को तरजीह दे रहे युवा
वर्किंग वुमन फर्स्ट च्वाइस: शादी के लिए नौकरीपेशा लड़कियों को तरजीह दे रहे युवा

वे दिन गए, जब शादी के लिए सिर्फ लड़की के रूप, रंग, लंबाई या फिर पढ़ाई पर बात की जाती थी। शादी का ट्रेंड बदल रहा है। अब लड़कों को सिर्फ सुंदर कन्या नहीं चाहिए। अब उन्हें शादी के लिए नौकरी पेशा लड़की चाहिए। मेट्रो सिटी की तरह पटना में भी यह बदलाव तेजी से हो रहा है। क्या है इसकी वजह? युवाओं को क्यों चाहिए वर्किंग वुमन। पढि़ए रोशन कुमार राहुल की रिपोर्ट।

पटना [जेएनएन]। कुशलश्री बैंकर हैं। पटना के गर्दनीबाग इलाके के रहने वाले हैं। पांच साल सेे पीओ के पद पर कार्यरत हैं। शादी के तमाम रिश्ते आए, मगर कुशल हैं कि उसे पसंद ही नहीं करते। वजह है उन्हें वर्किंग लड़की चाहिए। कुछ कामकाजी लड़कियों के रिश्ते भी आए, मगर सामान्य पेशे से मैच नहीं होने के कारण कुशल ने हामी नहीं भरी।

ये बात सिर्फ कुशल की नहीं है। कुशल की तरह अब हजारों लड़कों को वर्किंग वाइफ चाहिए। वे दिन गए, जब शादी के लिए लड़की की सुंदरता या लंबाई आदि पर बात की जाती थी। अब लड़के शादी के लिए लड़की का प्रोफाइल अधिक पसंद करते हैं जो कामकाजी हो।

10 में 8 लड़कों को चाहिए नौकरीपेशा

अब लड़के शादी के लिए कामकाजी लड़की को अधिक तरजीह दे रहे हैं। रिश्ते जोडऩे का काम कर रही मैरिज ब्यूरो भी इस बात की तसदीक कर रहे हैं। बिहार में मैरेज ब्यूरो जीवनसाथी डॉट कॉम का कामकाज देख रहे किशोर बताते हैं, शादी के लिए उनके पास रोजाना सैंकड़ों रजिस्ट्रेशन आते हैं।

हमारे यहां लड़का व लड़की दोनों पक्षों के रजिस्ट्रेशन बराबर की संख्या में आते हैं। 10 में से 8 लड़के शादी के लिए कामकाजी लड़की के प्रोफाइल का चयन करते हैं। मजेदार बात यह कि लड़कों को शादी के लिए वर्किंग लड़की सामान्य पेशे में चाहिए। यानी लड़का यदि बैंकिंग में है तो उसे लड़की भी बैंकिंग सेक्टर में कार्य करने वाली चाहिए।

वर्किंग होना यानि निर्णय लेने में सहभागिता

समाजशास्त्री डॉ. बिनय कुमार बिमल बताते हैं, यदि आज के युवा वर्किंग लड़की से शादी करना पसंद कर रहे हैं तो यह सामाजिक बदलाव की ओर इशारा करता है। ये बताता है पुरुष सत्ता महिलाओं के अधिकार को दबाना नहीं चाहती है। इस बदलाव का आर्थिक पहलू भी है।

बेहतर जिंदगी जीने की चाहत की वजह से भी युवा कामकाजी लड़की से शादी करने को तैयार हैं। महिलाएं यदि वर्किंग होती हैं तो उन्हें घर में उचित-मान सम्मान मिलता है। उन्हें डिसिजन मेकिंग में शामिल किया जाता है। मगध महिला कॉलेज की प्रो. अरुणा चौधरी बताती हैं, लड़कों को वर्किंग वाइफ चाहिए, ये बताता है आज के युवाओं को महिलाओं की क्षमता पर भरोसा है। वे उनके सपने पूरे करने में सहयोग कर रहे हैं।

... ताकि उसके सपने भी हो अपने

हमने प्रेम विवाह किया। मेरी जीवन संगिनी ज्योति पढ़ाई में काफी अच्छी थी। लिहाजा मैंने फैसला किया कि उसके सपने को उड़ान दिया जाए। उसने जो अब तक इतनी मेहनत से पढ़ाई की है, यदि वह काम नहीं आए तो ज्योति के साथ न्याय नहीं होगा।

आज मेरी वाइफ एक एनजीओ में प्रतिष्ठित पद पर है। मुझे खुशी होती है कि हम दोनों वर्किंग हैं। इससे हमारी आर्थिक स्थिति तो अच्छी है ही साथ ही हमारा मनोबल भी बढ़ा है। कामकाजी होने की वजह से लड़कियां भी बाहरी दुनिया की सच्चाई से रूबरू होती हैं।
सौरव कुमार वर्मा, इंश्योरेंस कंपनी में मैनेजर 

दोनों कामकाजी हैं, बेहतर समझते हैं एक-दूसरे को

ये तो अच्छा बदलाव है। बदलते जमाने के साथ लड़कों की सोच बदली है। वैसे भी पढ़ी-लिखी घर में बैठकर अपना बहुमूल्य समय ही नष्ट करती हैं। कामकाजी होने से घर की आर्थिक स्थिति तो मजबूत करती ही हैं, साथ में खुद भी आत्मनिर्भर होती हैं।

मैं खुद भी बैंकर हूं और मेरी जीवन साथ भी बैंक में कार्य करती हैं। दोनों एक ही पेशे में हैं। इस वजह से आपस में अच्छी समझदारी है। मेरा मानना है कि महिलाओं के जो भी अधिकार हैं। उसे पुरुष को नहीं दबाना चाहिए।  रंजीत कुमार, बैंकर 

प्रोफेसर हूं प्रोफेसर वाइफ मिले तो होगी खुशी

स्त्रियां भी देश-दुनिया को समझना चाहती हैं। अब उन्हें घर की चारदीवारी से मुक्ति मिली है। पुरुष बदलाव को स्वीकार कर रहे हैं। अब महिलाएं भी मुख्य धारा से जुड़ी रही हैं। इस बदलाव का श्रेय युवाओं को जाता है। मैं कॉलेज में प्रोफेसर हूं, यदि मुझे शादी के लिए प्रोफेसर वाइफ मिले तो खुशी होगी। एक प्रोफेशन होने से एक-दूसरे के व्यक्तित्व का विकास भी बेहतर ढंग से कर पाएंगे।
प्रो. रमण रवि, शिक्षक 

खुशी होगी, शादी कामकाजी से हो तो

बेहतर लाइफस्टाइल और बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए पति-पत्नी दोनों का वर्किंग होना समय की जरूरत है। यदि आप अपने साथ अपनी वाइफ को भी बाहर काम करने देंगे तो इससे उन्हें आत्मविश्वास बढ़ेगा। घर व समाज में उन्हें आदर मिलेगा। वे आत्मनिर्भर बन पाएंगी। मुझे खुशी होगी। यदि मेरी शादी कामकाजी लड़की से होती है। लड़कियां कामकाजी होती हैं तो एक-दूसरे के प्रति आदर का भाव होता है।
अरविंद कुमार, शिक्षक 

बदलाव को स्वीकार करना जरूरी

मुझे कोई ऐतराज नहीं होगा, यदि मेरी शादी कामकाजी लड़की से होती है। जमाना बहुत तेजी से बदल रहा है। यदि आप बदलाव स्वीकार नहीं करेंगे तो पीछे रह जाएंगे। यदि लड़कियां शिक्षित हैं और उन्हें अपने प्रतिभा दिखाने का मौका नहीं मिले तो पढ़ाई बेकार हो जाती है। मुझे लगता है कि आज के युवाओं की सोच बदली है। आजकल लड़के मां-बाप भी वर्किंग बहु की ज्यादा तरजीह देते हैं। यह अच्छी सोच है।
प्रवीण झा, बैंकर

दोनों कामकाजी हैं तो इगो न आएगा बीच में

समाजशास्त्री के अनुसार यदि पति-पत्नी दोनों कामकाजी हैं तो अक्सर इगो की तकरार भी होती है। दोनों एक-दूसरों को ज्यादा व्यस्त दिखाने की कोशिश करते हैं। समाजशास्त्री डॉ. बिनय के अनुसार अक्सर ऐसा होता है कि कामकाजी दंपति एक-दूसरे से खुद को कम नहीं समझते हैं।

दोनों वर्किंग होने से घर में पैसे की कोई कमी नहीं रहती, मगर आपस में समझदारी नहीं होने की वजह से घर में अशांति छा जाती है। यदि पति-पत्नी दोनों कामकाजी हैं तो दोनों एक-दूसरे की मजबूरियों को समझें। घर आने के बाद ऑफिस के तनाव को दूर रखें। कार्यों का विभाजन कर लें। ताकि किसी पर भी अतिरिक्त दबाव न हो। 

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