पति की सिगरेट की लत छुड़ाने को मांगा फतवा

पटना फुलवारीशरीफ। शराब और धूमपान सेहत के लिए हानिकारक है मगर लोग इसका सेवन करते है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 12:55 AM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 06:14 AM (IST)
पति की सिगरेट की लत छुड़ाने को मांगा फतवा
पति की सिगरेट की लत छुड़ाने को मांगा फतवा

पटना फुलवारीशरीफ। शराब और धूमपान सेहत के लिए हानिकारक है, मगर लोग इसका सेवन करते हैं। इस्लाम में इसे हराम बताया गया है। फिर भी लोग नहीं मान रहे। एक महिला के फतवा मांगने पर इस्लामी दावा रिसर्च फाउंडेशन से दी गई जानकारी में कहा गया है कि धूमपान इस्लाम में वर्जित है। इमारत-ए-शरिया के नाजिम ने भी इसपर मुहर लगा दी है और कहा कि किसी भी वस्तु का जरूरत से ज्यादा प्रयोग और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सभी वस्तुएं हराम हैं।

दरअसल, फुलवारीशरीफ निवासी नूरजहां (काल्पनिक नाम) अपने पति के सिगरेट पीने की आदत से काफी परेशान थीं। प्रयास कर रही थीं कि गंदी आदत छूट जाए, मगर सफलता नहीं मिल रही थी। जबकि उसके पति नमाज व रोजा के पाबंद हैं। उसने इस्लामी दावा रिसर्च फाउंडेशन और इमारत-ए-शरिया के नाजिम से इस बाबत जानकारी मांगी तो बताया गया कि हर वह चीज जिसमें नशा है, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, इस्लाम में वह हराम है। शराब, सिगरेट, तम्बाकू और गुटखा इसमें शामिल है।

बोले उलेमा- इस्लामी दावा रिसर्च फाउंडेशन के सचिव मौलाना अहसानुल होदा ने कहा कि नशीले पदार्थो से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी जन्म ले रही है। ऐसी चीजें पहले से ही मकरू की श्रेणी में थीं, जिसका अर्थ है कि ऐसी चीजों के प्रयोग से बचा जाए। अहसानुल होदा ने कहा कि मकरू का अर्थ होता हैकराहियत यानी दिल नहीं चाहता है, मगर लोग वैसी वस्तु का सेवन करते हैं। कराहियत बताता है कि अल्लाह को इसका सेवन पसंद नहीं है, इसलिए इस्लाम में ये हराम है। कुरान शरीफ में साफ है कि जान बूझकर अपनी जान को हलाकत में मत डालो जिंदगी अल्लाह का एक नेमत उपहार है। इसकी हिफाजत करना है। इमारत-ए-शरिया बिहार, झारखंड, उड़ीसा व बंगाल के नाजिम मौलाना शिब्बली कासमी ने कहा कि हर वह चीज जिससे नशा हो जाए और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़े, वह हराम है चाहे वह सिगरेट खैनी हो या तंबाकू।

chat bot
आपका साथी